संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार से ये होंगी विपक्ष की मांग

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Sushma Tomar

भगवंत मान, पंजाब में आम आदमी पार्टी के जाने माने नेता हैं और लागातर पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए कार्यरत हैं। संसद में कृषि कानूनों के विरोध को लेकर फ्लैग के साथ नारेबाजी करने के लिए वो पहले भी चर्चा में आ चुके है।

सोमवार (29 नवंबर) को NDTV के संवाददाता से कृषि कानून, MSP और पंजाब चुनावों को लेकर भगवंत मान ने खास बातचीत की। ये बातचीत संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले की गई। मालूम हो कि भगवंत मान आम आदमी पार्टी से लोकसभा सांसद है।

मौत के वारंट में संशोधन नहीं किया जा सकता है…

NDTV से खास बातचीत में भगवंत मान ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि मुझसे गलती हो गई में कृषि कानूनों वापस ले रहा हूं। हम शुरुआत से कहते आए हैं की, ये तीनो कृषि कानून मौत के वारंट है जिनमें संशोधन नहीं किया जा सकता है, इन्हें सिर्फ वापस लिया जा सकता है।

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कृषि कानूनों को वापस लेने में पूरा एक साल लग गया इसके कारण 700 से ज़्यादा किसानों की जान चली गयी। बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने से देश भर के किसान कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के चारो बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।

माफ़ी मांगे सरकार :

भगवंत मान ने कहा, सोमवार (29 नवम्बर) को BJP सरकार संसद में कृषि कानूनों को रिपील करने के लिए लाएगी, हम उनसे कुछ मांग करने वाले हैं.. जिनमें

– काले कानूनों के कारण साढ़े सात सौ से ज़्यादा शहीद हुए किसानों को संसद में श्रदांजलि दी जाए।

– MSP की गारंटी देने के लिए संसद में बिल लेकर आए।

– लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई बर्बरता पर एक्शन लिया जाए। किसानों को कार से कुचलने वाले मंत्री के बेटे और मंत्री को बर्खास्त करो।

– बीते एक साल में BJP के नेताओं ने किसानों को जो माओवादी, खालिस्तानी, गुंडा, आंदोलनकारी और मावली कहा है, उसके लिए BJP सरकार मांफी मांगे।

किसानों से नहीं उद्योग पतियों से मांगी है माफ़ी :

केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, की प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को रिपील करने की घोषणा के दौरान जो माफ़ी मांगी वो किसानों से नहीं मांगी। बल्कि, मांफी उन उद्योग पतियों से मांगी है जिन्हें इससे लाभ होने वाला था। उन्होंने उद्योग पतियों से मांफी इसलिए मांगी है क्योंकि वो इन कृषि कानूनों को लागू नहीं कर पाए।

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कृषि कानून वापस लेना किसानों के संघर्ष की जीत है, ये एक साल से और सबसे लंबा चलने वाले आंदोलन की जीत है। इसलिए कोई पोलिटिकल पार्टी इस गलतफहमी में न रहे की ये उनकी मर्सी है। कृषि क़ानूनों के कारण किसानों को नुकसान हुआ है, चाहे वो जान के रूप में हो या आर्थिक रूप में। सरकार को उन किसानों को मुआवजा देना चाहिए, जिन्होंने इस आंदोलन में भारी कीमत चुकाई है।

MSP कानून प्रेक्टिकल है ?

संवाददाता के सवाल की, सरकार कहती है कि MSP कानून प्रेक्टिकल नहीं है पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि MSP बिल्कुल प्रेक्टिकल है। सरकार उद्योगपति का कर्ज माफ कर देती है तो किसानों को MSP क्यों नहीं दे सकती। सरकार को सारा अनाज ख़रीदने की ज़रूरत नहीं है MSP फिक्स होने के बाद प्राइवेट प्रलेयर भी तो अनाज खरीदेंगे।

सर्कुलेशन बनेगा तो सरकार के पास पैसा आएगा। भगवंत मान ने आगे कहा कि पंजाब की धरती बहुत उपजाऊ है लेकिन अधिकतर धान की खेती होने के चलते यहां पानी का ग्राउंड लेवल 500 से 600 पहुंच गया है। 23 फसलों पर MSP फिक्स होने से मक्का बाजार और सूरजमुखी जैसी फसलें भी पंजाब में की जाएंगी।

पंजाब चुनावों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, की आम आदमी पार्टी पंजाब चुनावों में पूरा जोर लगा देगी। पंजाब की शिक्षा को बेहतर किया जाएगा, सिस्टम में करप्शन को कम करने पर काम किया जाएगा।

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