राहुल गांधी के कन्हैय्या को पार्टी में लेने की ये है वजह

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Asad Shaikh

राहुल गांधी का राजनीतिक करियर ऊपर बढ़ने से पहले ही नीचे जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में वो अमेठी से भी चुनाव हार गए थे । तभी से उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद तक को छोड़ दिया था।

तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल गया है। बंगाल के विधानसभा चुनावों से लेकर असम और कर्नाटक में भाजपा की सरकार आ गयी है। राहुल की पार्टी चुनाव हार ही रही है।

ऐसे में राहुल गांधी के सामने जब 2024 लोकसभा का चुनाव है तब वो बहुत सोच समझकर अपनी नई रणनीति बना रहे हैं। इस रणनीति में उनकी मदद करते हुए “पीके” नज़र आ रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की अगर मानें तो बिहार की बेगूसराय लोकसभा से प्रत्याशी रहें कन्हैया कुमार और गुजरात की बडगाम विधानसभा से विधायक जिगनेश मेवाणी कांग्रेस जॉइन करने जा रहे हैं।

ये मुलाकात या फिर हाल ही के दिनों में लगभग कन्हैया और जिगनेश के कांग्रेस में आने के तमाम रास्तों और रणनीतियों पर काम करने का तमाम क्रेडिट प्रशांत किशोर ही को पीछे दरवाजे से दिया जा रहा है।

क्या है इसके पीछे वजह?

दरअसल प्रशांत किशोर का कहना है कि अब पुराने कांग्रेसी नेताओं से युवाओं का और तमाम लोगों का बहुत ज़्यादा जुड़ाव नहीं रहा है इसलिए अब जरूरी ये है कि नए और फेमस चेहरे पार्टी में आने चाहिए। इसलिए ही जिगनेश और कन्हैया जैसे युवाओं को कांग्रेस में आना चाहिए इसके बाद युवा वोटर्स कांग्रेस में फिर से जुड़ाव महसूस करेंगें।

इसलिए ही कांग्रेस में इन दोनों बड़े नामों को लाने की कवायद पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा तैयारी ये भी है कि इन दोनों ही पार्टी संगठन में इन दोनों युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी दी सकती है। जिसके बाद राहुल गांधी जिग्नेश मेवाणी से अगले साल गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी करने को लेकर और कन्हैया को 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।

राहुल गांधी किस तैयारी में हैं?

राहुल गांधी इस वक़्त 2024 लोकसभा चुनावों को गौर करते हुए राजनीति कर रहे हैं। फिलहाल वो खुद को नरेंद्र मोदी जैसे बड़े नाम के सामने अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं जहां वो एक ऐसे नेता की तरह खड़े हो सके जो नरेंद्र मोदी को हराने की ताकत रखता हो। इसलिए ही वो “युवाओं” को कांग्रेस के साथ जोड़ने का काम अब शुरू कर चुके हैं।

इसमें सबसे पहला काम पंजाब में हुआ है जहां कैप्टन को हटा कर नए मुख्यमंत्री लाये गए हैं। राहुल “पुराने” कांग्रेसियों को हटाकर राहुल गांधी फिर से “नई कांग्रेस” बनाना चाहते हैं। जहां पर उन्हें फैसले लेने में किसी तरह की कोई रुकावट न हो जैसी एक दौर में होती रही है।

ऐसे में उनके इस मिशन को कन्हैया और जिगनेश आगे तक पहुंचा सकते हैं। क्योंकि ये दोनों ही नेता युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने की ताक़त रखते हैं। इसमें भी कोई शक़ नही है कि बीते 5 सालों में भी ये दोनों ही नाम राहुल गांधी की ही तरह खुल कर भाजपा का विरोध करते हुए नज़र आते हैं। जो सबसे ज़्यादा राहुल गांधी ही के लिए फायदेमंद है।

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