कल ही अपना पांचवां जन्मदिन मना रही आप को आयकर विभाग(आईटी) ने कारण बताओ नोटिस थमा दिया है. नोटिस में आप से पूछा है कि 30 करोड़ रुपये की गलत जानकारी आपने क्यों दी और क्यों न आपसे इस राशी कस भुगतान किया जाए?
क्या लिखा है नोटिस में
एनडीटीवी कि रिपोर्ट के अनुसार आईटी विभाग ने आप को नोटिस थमा इन सवालों के जवाब पूछे है और 7 दिसंबर तक पार्टी से अपना पक्ष रखने को कहा है.
- अपने खाते में 13.16 करोड़ रुपये के चंदे की जानकारी नहीं दी.
- आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग को दी चंदे की जानकारी में 461 दान देने वालों की नाम और पते की जानकारी नही दी जिन्होंने 6.26 करोड़ रुपये दिए.
- जांच के दौरान पता चला कि AAP ने 36.95 करोड़ रुपये के चंदे की जानकारी वेबसाइट पर नही दी और पकड़े जाने पर वेबसाइट से सारी डिटेल हटा ली
- 29.13 करोड़ रुपये का चंदा चुनाव आयोग को नही बताया
- हवाला के जरिये 2 करोड़ रुपये का चंदा लिया.
- आप ने जांच भटकाने की कोशिश की जबकि 34 मौके दिए गए अपनी सफ़ाई पेश करने केलिए दिए गये.
आप ने दिया जवाब
आप के नेशनल ट्रीजरर दीपक बाजपाई ने प्रेस कांफ्रेस कर आरोपों को आधारहीन और बदले की भावना से की कार्रवाई बताया है. और आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ‘इतिहास में पहली बार है जब पूरे चंदे को अवैध ठहरा दिया गया है. बदले कि भावना कि भी हद्द होती है’.
In the history of India, ALL donations to a political party have been declared illegal. All these were accounted for and shown in books of accounts. This is height of political vendetta
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 27, 2017
और कुमार विश्वास ने भी आप के पक्ष में ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री से सभी पार्टियों के चंदे की जांच एसआईटी से कराने की मांग की.
https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/935137377726562306
क्या कहती है एडीआर रिपोर्ट
अगस्त में जारी एडीआर(एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राईट) ने चंदे पर वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की रिपोर्ट प्रकाशित की. जिसमें देश की 5 मुख्य राष्ट्रीय पार्टियां 956 करोड़ का चंदा कॉर्पोरेट से प्राप्त करती है. जिसमें से 705 करोड़ बीजेपी 198 करोड़ कांग्रेस और 50 करोड़ एनसीपी प्राप्त करती है. जिसमें पार्टियां कॉरपोरेट घराने 20 हजार रुपये से ज्यादा की राशी पर पैन अनिवार्य वाले नियमों का पालन नही करती है.