कोरोना महामारी से पूरी दुनिया बहुत बड़े और व्यापक स्तर पर जूझ रही है। भारत में तो इसकी दूसरी लहर ने जैसे तबाही ही मचा दी हो।
देशभर में लोगों का जीवन बसर करना मुश्किल हो गया है। बड़े बिजनेसमैन से लेकर नेता अभिनेता तक परेशान है, तो गरीबी रेखा के नीचे वाले और खासकर दलित परिवारों के जीने मरने तक बात आ गई है।
ऐसे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने 27 जून को एक त्रिपक्षीय मीटिंग को संबोधित किया। इसमें उनके अपने पार्टी के लोग, विपक्ष के नेता और राज्य के बड़े ऑफिसर्स मौजूद थे।
उन्होंने राज्य के दलित परिवारों के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। ताकि उन्हें कोरोना से हुई क्षति से उबरने का मौका मिले और वे अपना जीवन आसानी से बसर कर पाए।
सभी दलितों के खाते में जमा किए जाएंगे ₹10,00,000
अपनी त्रिपक्षीय मीटिंग में श्री चंद्रशेखर राव ने कई बड़े और अहम फैसले दलितों के लिए लिए हैं। उन्होंने सभी दलितों खासकर जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं, उनके खातों में 10 लाख रुपए जमा कराने की बात कही है।
श्री राम ने कहा, “इससे सभी दलितों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। साथ ही सभी अपना खुद का कुछ उद्योग खड़ा कर पाएंगे। इससे ना केवल राज्य की, बल्कि देश और उनकी खुद की तरक्की भी होगी। ”
इस स्कीम के लिए उन्होंने राज्य के कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों से 100 दलित परिवारों को लाभान्वित करने का वादा किया है। इसके लिए तेलंगाना सरकार ने 1200 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
यह सभी राशि धीरे – धीरे चरणबद्ध तरीके से चैनल करके दलितों के खातों में पहुंचा दी जाएगी,119 विधानसभा क्षेत्रों से 100 परिवारों को किया जाएगा लाभान्वित.
क्या हो सकता है यह चुनावी मुद्दा?
अभी हाल फिलहाल में तेलंगाना राज्य में किसी भी तरह के चुनाव नहीं होने हैं। 2018 में हुए चुनावों के बाद अब सीधा 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए इस स्कीम को चुनावी मुद्दा नहीं कहा जा सकता है।
मगर चंद्रशेखर राव अगर इस स्कीम को धरातल पर लाने में सफल होते हैं तो उन्हें इससे लॉन्ग टर्म फायदा जरूर मिलने वाला है।