कुछ दिन पहले एक अंग्रेज़ी के जाने माने अख़बार ‘The Tribune’ ने आधार डेटा के साथ छेड़खानी की एक खबर छापी थी. अखबार ने अपनी रिपोर्ट के हवाले दावा किया था कि 500 रुपये देकर किसी का भी आधार डाटा देख सकते है और अगर आप 300 रूपये का अतिरिक्त भुगतान करे तो आप उनका आधार कार्ड प्रिंट भी करा सकते है.
- अखबार ने ये खबर पूरे फैक्ट्स के साथ छापी थी और आधार सिस्टम को निजी तौर असुरक्षित बताया था.
- अखबार का दावा था की तकरीबन एक लाख लोग ऐसे है जो आधार सिस्टम को लोग इन कर सकते हैं.
- ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुई और ट्विटर पर उस दिन का नंबर एक ट्रेंड रही, सोशल साइट्स पर लोग सरकार पर चुटकी कसते नजर आये.
- आधार का जिम्मा सँभालने वाला संस्थान UIDAI ने, इस खबर और अख़बार को नोटिस थमाते हुए रिपोर्टर के खिलाफ FIR दर्ज करवा डाली है.
- UIDAI ने लिखित पत्र में दावा किया है कि ऐसा संभव नही हैं क्योकिं लोग-इन करने के लिए फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन जरूरी है.
- फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन का आधार देते हुए UIDAI ने इस रिपोर्ट को पूर्ण रूप से आधारहीन बताया.
- UIDAI के इस कदम के बाद लोग दुबारा सोशल साइट्स पर हरकत में आये और कई जाने माने पत्रकारों ने ‘The Tribune’ को सपोर्ट करते हुए टवीट्स किये.
द ट्रिब्यून के प्रधान सम्पादक हरीश खरे ने भी एक बयान सोशलमीडिया में जारी किया
The #Tribune Editor-in-Chief’s statement on #Aadhaar #FIR pic.twitter.com/Mjmr5HK8Mb
— The Tribune (@thetribunechd) January 7, 2018
इंडिया टुडे के journalist राहुल कवल ने लिखा कि “रिपोर्टर के खिलाफ FIR करना पूर्ण रूप से गलत हैं, अगर कोई आपकी गलती निकलता है तो उसको दूर करने की कोशिश करनी चाहिए न कि गलती निकलने वाले को डराने की. journalist को धमकाने की कोशिश मत करो”
Totally wrong for UIDAI to file an FIR against the journalist who exposed #AadharLeaks If a loophole is pointed out Govt should work on fixing the flaw rather than try to shoot the messenger. Don’t intimidate journalists. Not on. https://t.co/6mxDrZlrLC
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 7, 2018
राहुल कँवल ने इस मुद्दे पर अन्य ट्वीट किये –
#Aadharleaks सामने लाने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ UIDAI की ओर से FIR दर्ज कराना पूरी तरह गलत है. अगर एक खामी की ओर इशारा किया गया है तो सरकार को उसे दूर करने के लिए काम करना चाहिए ना कि मैसेंजर को ही शूट करने की कोशिश की जाए. पत्रकारों को मत धमकाइए. ये मंज़ूर नहीं
#Aadharleaks सामने लाने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ UIDAI की ओर से FIR दर्ज कराना पूरी तरह गलत है. अगर एक खामी की ओर इशारा किया गया है तो सरकार को उसे दूर करने के लिए काम करना चाहिए ना कि मैसेंजर को ही शूट करने की कोशिश की जाए. पत्रकारों को मत धमकाइए. ये मंज़ूर नहीं
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 7, 2018
Broadcast Editors Association (BEA) office bearers @supriyapd & @ajitanjum have put out a strongly worded condemnation of @UIDAI FIR against @thetribunechd journalist. Demand withdrawal of FIR. Full text of release. https://t.co/lvMBsyMe6g @UIDAI losing a lot of goodwill.
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 7, 2018
देखें इस FIR का विरोध दर्ज कराते अन्य ट्वीटस
Tribune: Uncle aapke pajaamey mein aag lagi hai.@UIDAI: POLICE! POLICE!
Tribune: Uncle police nahin fire brigade…fire brigade bulaao.@UIDAI: POLICE! Arrest this person for pointing out that my pajama is on fire.
— Aisi Taisi Democracy (@AisiTaisiDemo) January 7, 2018
Tribune reporter blew the whistle on Aadhaar showing how easy it is to steal personal info from Aadhaar database.Instead of rewarding her as a whistleblower,the govt has registered an FIR against her!This is why Modi govt has not notified Whistleblower lawhttps://t.co/0szECv3dLD
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 7, 2018
The Indian govt is brazenly trying use intimidate & harass the journalist for pointing out flaws in their pet project.
Journalist has been booked for impersonation, cheating & forgery (!) #Aadhaar #PressFreedomhttps://t.co/JqQTXblxPC
— Vidya (@VidyaKrishnan) January 7, 2018
Ditto. Refute disagreements. If you think Tribune story defamatory or inaccurate argue it- on fact- but whats with the FIR against a reporter doing her job? https://t.co/yVUC2NSRZo
— barkha dutt (@BDUTT) January 7, 2018
The FIR against The Tribune is the latest in the series of attempts by the BJP govt to coerce, threaten and intimidate honest sections of the press. We condemn all such attempts and will oppose the govt in its sinister designs against the press. pic.twitter.com/maHBIBwwf9
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 8, 2018
Fully support The Tribune effort to legally challenge govt.This is classic case of SLAPP. https://t.co/t83L5tUInu
— M K Venu (@mkvenu1) January 8, 2018
An Indian journalist has been booked for a story that exposed vulnerabilities in Indian government's so-called "unique identification" system #Aadharhttps://t.co/e6VcDjY4cb@pressfreedom #AadhaarLeaks #AadhaarFIR
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) January 8, 2018