कहा जाता है क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि एक धर्म हैं। लेकिन इस धर्म को जी-जान से जिंदा रखने वालों को अगर दरबदर की ठोकरें खानी पड़े, तो यह पूरे देश के लिए काफी शर्म की बात है। दरअसल, आज हम उस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, जिसने इस देश नाम रोशन किया और नेत्रहीन क्रिकेट विश्वकप जीतया। इंडिया की तरफ से नेत्रहीन क्रिकेट खेलने वाले नरेश तुमदा आज कल आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके घर के माली हालात इतने खराब है कि उन्हें मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ रहा है।
समय के साथ पहचान हो गई धुंधली
नरेश तुमदा को दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। वैसे तो टोक्यो से लौटे विजेता खिलाड़ियों के लिए केंद्र समेत कई राज्य सरकारों ने लाखों-करोड़ों रूपये के इनाम की घोषणा की है। लेकिन, हर बार अकसर यह देखते हैं कि कई खिलाड़ी “स्टार खिलाड़ी” नहीं बन पाते, और उनकी पहचान समय के साथ धुंधली हो जाती है। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं नरेश तुमदा।
चूंकि नेत्रहीन खिलाड़ी आमूमन स्टार खिलाड़ी नहीं बन पाते, इसलिए सरकार उन्हें और उनके योगदान को शायद भूल जाती है। मीडिया रिपोर्टस की माने, तो क्रिकेट के इस धुरंधर के लिए अपना पेट पालना भी मुश्किल हो गया है। नरेश तुमदा को अपने परिवार के भरण पोषण के लिए 250 रुपए दिहड़ी पर मजदूरी करनी पड़ रही है।
भारत को दिलाया विश्वकप
नेत्रहीन क्रिकेट विश्वकप 2018 में नरेश तुमदा की अहम भूमिका रही। इस टीम ने साल 2018 में पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज की थी। नरेश तुमदा गुजरात के नवसारी के रहने वाले हैं। नरेश पांच साल की उम्र से किक्रेट खेल रहे हैं। उन्हें एक बेहतरीन और प्रतिभाशाली क्रिकेटर माना जाता था। इसी प्रतिभा और हुनर के चलते उन्होंने 2014 में गुजरात स्टेट टीम में अपना डेब्यू किया था। और देखते ही देखते उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए भी चुन लिया गया।
फिलहाल इस क्रिकेटर के घर की आर्थिक अनिश्चिताओं के कारण उनकी स्तिथि काफी खराब है। दरअसल कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि नरेश अपने परिवार के खर्च को उठाने के लिए अहमदाबाद में सब्जी बेचते हुए नजर आए। और अब इस महान क्रिकटर के बारे में एक और खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बीते साल उन्होंने सब्जी बेचने का काम भी शुरू किया था, लेकिन कोरोना के चलते वो भी नहीं चला। अब वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भर रहे हैं।
कप जीतने के बाद हुई धन की वर्षा
एक अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत में तुमदा ने कहा कि “जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीतकर देश लौटी थी, तो सरकार और कॉर्पोरेट जगत के लोगों ने उन सभी पर धन की वर्षा कर दी थी। साथ ही दिल्ली और गुजरात के कई नेताओं ने मुझे नौकरी देना का वायदा भी किया था। लेकिन अभी तक किसी की तरफ से मुझे सरकारी नौकरी नहीं मिली है। तुमदा कहते हैं कि क्या हम सिर्फ इसलिए कम खिलाड़ी हैं, क्योंकि हम देख नहीं सकते? समाज को हमारे साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए।
गौरतलब है कि 20 मार्च 2018 को ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के प्लेइंग 11 नरेश तुमदा भी थे। पाकिस्तान ने इस मैच में भारतीय टीम के सामने 308 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसे भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीत लिया था।