ये मधूलिका जी हैं. मधूलिका सिंह. इन्होंने 2 अप्रैल को करौली में अपने घर में लगभग 15 मुसलमानों को छुपाया और हत्यारी भीड़ को ललकार कर उनके सामने ढाल बनकर खड़ी हो गईं. जिन पंद्रह लोगों को उन्होंने अपने यहाँ शरण दी, उनमें से कुछ को तो वे जानती भी नहीं थीं.
उन्होंने वो कहा जो आज के हिंदुस्तान में धार्मिक आस्थावान व्यक्ति के मुख से सुनना दुर्लभ अपेक्षा होती जा रही है, “ये हिंदुस्तान है और हम राजपूत हैं. हमारा धर्म दूसरे की रक्षा करना है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो.”
शोभायात्रा पर मुस्लिमों द्वारा पथराव की कहानियों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा, “इन लड़कों ने तो नहीं किया फिर इन्हें सजा क्यों मिले, मेरी अंतरात्मा मुझे कचोटती यदि मैं इनका खून बहता देखती.”
सभी आस्थावान भारतीयों के लिए मधूलिका जी एक प्रकाशस्तंभ हैं. उन्हें देखिए, व्हाट्सएप के अधकचरे वीडियो की बाढ़ में मत बहिये. करौली के नाम पर ठेले गए अधिकांश वीडियो फर्जी थे, यह बात ऑल्ट न्यूज़ और कई अन्य फैक्ट चेकर साइट्स पर सप्रमाण आ चुकी है. अपनी अंतरात्मा को शैतान के पास गिरवी न रखें.
करौली कलेक्टर द्वारा जाँच के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित रिपोर्ट के अनुसार लगभग ढाई करोड़ की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है. इनमें सात हिन्दू और तिहत्तर मुस्लिम परिवार हैं.
( यह पोस्ट स्क्रॉल की रिपोर्ट के आधार पर लिखी है, रिपोर्ट का लिंक यहां है.)