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ठीक नहीं हैं देश की आर्थिक स्थिति, और फिर भी सरकार ने खरीदे 8500 करोड़ के दो विमान

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पीएम मोदी के लिए बुलाया गया आलीशान सर्वसुविधायुक्त विमान ‘एयर इंडिया वन’ कल दिल्ली में लैंड कर गया, इसमे एक घण्टे उड़ान का खर्च लगभग सवा करोड़ रुपये है। इसमे VVIP के लिए विशेष सुइट है और हर वो सुविधा मौजूद है जो अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान मे मौजूद होती है। दरअसल दो विमान बुलाए गए हैं दूसरा विमान दिसम्बर तक आने की उम्मीद है इन दोनों विमानों की कीमत लगभग 8500 करोड़ रुपए बताई जा रही हैं। इन विमानों में हवा में ईंधन भरा जा सकता है। अमेरिका ने इन दोनों विमानों के लिए खास रक्षा प्रणाली दी है इस प्रणाली की कीमत ही करीब 1300 करोड़ है।

देश की आर्थिक स्थिति अभी ऐसी नही है, कि इस खर्च का बोझ अभी उठा सके फिर भी ये महंगे विमान मंगाए जा रहे हैं, फिर भी अंधभक्त कहेंगे कि इसमे क्या गलत बात है? हमारे मोदीजी को अमेरिका के राष्ट्रपति सरीखी सुविधा क्यो न दी जाए ? वैसे इन्ही अंधभक्तो को एक बार यह बोल दिया जाए कि भारत मे भी अमेरिका की तरह हर परिवार को कोरोना काल में 40 हजार रु मासिक भत्ता दिया जाए तो उन्हें तुरन्त याद आ जाएगा कि अमेरिका तो विकसित देश है और भारत गरीब देश ! वह अपने नागरिकों को इतनी सुविधा कैसे दे सकता है ? लेकिन जब मोदी अपने लिए यह विमान खरीद रहे हैं तो उन्हें यह सब बिल्कुल याद नही आएगा !भारत में कोरोना काल मे हालत यह है कि सरकार के पास एयर इंडिया के पास कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड और टीडीएस तक जमा कराने के लिए भी पैसा नहीं हैं। रेलवे में पेंशन फंड में डालने के पैसे नही है, रेलवे कर्मचारियों को कोई बोनस नही है, कई राज्यों की सरकारों के पास स्वास्थ्य कर्मियों को तनख्वाह देने के पैसे नही हैं। डॉक्टरो को देने के लिए सैलेरी नही है, कई जगह 6 महीने से अधिक हो गए हैं उनके एकॉउंट में सैलेरी आए ! यही हालत देश भर में संविदा शिक्षकों की है कल एक मित्र ने कमेन्ट बॉक्स में सूचना दी कि JRF देने के पैसे भी नही है फेलोशिप अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित है, इसके अलावा हर सरकारी एंव अर्धसरकारी संस्थान के कर्मचारियों के वेतन भत्तों में या तो कटौती की जा चुकी हैं या जल्द ही किये जाने की योजना है, मोदी सरकार पूरी बेशर्मी के साथ राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने से इनकार कर चुकी हैं जो कि उनका हक है।

कल ही सरकार का बयान आया है कि बजट में एप्रूव किया गया उसका सरकारी खर्च इन 6 महीनो में ही साफ हो गया है अब सरकार को कामकाज के लिए बाजार से और लोन लेना होगा, राज्यों को भी कोरोना काल मे खर्च चलाने के लिए लोन लेना होगा। और इधर पीएम केयर फंड के नाम पर तो सरकार ने लूट ही मचा दी है क्या सरकारी ! क्या प्राइवेट !..क्या न्यायपालिका ! क्या अर्धसरकारी संस्थाएं ! सब पर पीएम केयर फंड में पैसे देने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसे माहौल में पूरी बेशर्मी के एयरफोर्स वन जैसे विमान खरीदकर हमारे प्रधानमंत्री शानो शौकत का नग्न प्रदर्शन कर रहे हैं।

गाँधीजी की पेन्सिल ओर एयर इंडिया वन :

गाँधी जी जब अफ्रीका में थे तब उनके पास उनके पास एक छोटा बच्चा आया, गांधीजी ने एक नयी पेंसिल बच्चे को लिखने के लिए दी। लिखते-लिखते जब पेंसिल छोटी हो गयी तो बच्चे ने सोचा कि अगर मैं इस पेंसिल को फ़ेंक दूँ तो मुझे नयी पेंसिल मिल जायेगी। ऐसा सोचकर उसने पास ही की झाड़ियों में वह पेंसिल फ़ेंक दी, उसने गांधीजी से नयी पेंसिल मांगी, गांधीजी ने उसे पुरानी छोटी पेंसिल लाने को कहा। बच्चे ने कई बहाने बनाये पर आखिरकार उसे झाड़ियों से ढूंढ कर वह छोटी पेंसिल लानी पड़ी, पेंसिल देखकर गांधीजी ने कहा, ‘अभी भी यह छोटी पेंसिल किसी ना किसी के काम आ सकती है।’ बच्चा समझ गया और उसने उसी पेंसिल से लिखना शुरू कर दिया।

गांधीजी जानते थे कि देश में ऐसे कई परिवार हैं जिन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता। पढ़ना – लिखना तो बहुत दूर की बात थी, इसलिए गांधीजी पैसे का महत्त्व बहुत अच्छे से जानते और समझते थे। आजादी के समय देश की कुल जनसंख्या 34 करोड़ थी आज देश मे सिर्फ गरीबो की जनसंख्या 80 करोड़ के आसपास है, लेकिन खुद को फकीर कहने वाले हमारे पीएम यह सब नही समझते ?

जनता की टेक्स की गाढ़ी कमाई से अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन की बराबरी करने के लिए लगभग साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये की कीमत के एयर इंडिया वन नामक 2 विमान खरीद लिये गये है जबकि इसकी कोई जरूरत ही नही थी पीएम पहले भी कोई कोई बैलगाड़ी से सफर नही कर रहे थे ? उनके पास आवागमन के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं पहले से ही मौजूद थी !

बिना ये सोचे समझे कि हमारे पास 80 करोड़ लोग है जो गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं, कोरोना के दौर में उनके लिए जीवन यापन दिन ब दिन मुश्किल हो रहा है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यह विमान खरीद लिया गया। एयर इंडिया वन की उपरोक्त तस्वीर इस दौर की सबसे अश्लील तस्वीर है।

जब देश की ऐसी आर्थिक दुर्दशा हो रही हो देश की अर्थव्यवस्था 70 सालो के सबसे बुरे दौर में हो तो मोदी जी के द्वारा इतने महंगे ओर आलीशान विमानो को खरीदना कहा तक जायज है ? कोई बताए ?

 

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