पंजाब के मोगा के एक गांव ने धार्मिक सद्भाव के अनूठी मिसाल पेश की है। सिख बहुल भुल्लर गांव में कुछ हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुल चार परिवार रहते हैं। इस गांव में रहने वाले दो समुदायों के धार्मिक स्थल पहले से मौजूद थे। लेकिन गांव में रहने वाले 4 मुस्लिम के लिए कोई प्रार्थना घर नहीं था। अब गांव सभी समुदाय के लोगों ने मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश है।
दरअसल, इस गांव में सिखों की प्रार्थना के लिए 7 गुरुद्वारे, हिंदुओं की पूजा के लिए 2 मंदिर थे। पर अल्पसंख्या में रहने वाले इन 4 मुस्लिम परिवारों के लिए विभाजन के समय की एक खंडर हो चुकी मस्जिद ही बची थी। इसके चलते सभी गांव वालों ने फैसला किया कि वह मुस्लिम समुदाय के लिए एक नई मस्जिद का निर्माण करवाएंगे।
सभी लोगों ने दी आर्थिक सहयोग
यह परिवार भारत विभाजन के पहले से इस गांव में रह रहे हैं। विभाजन के समय इन लोगों ने पाकिस्तान न जाकर यही रुकने का फैसला किया। अब इस गांव के लोगों ने अपनी क्षमता अनुसार आर्थिक सहयोग देकर मस्जिद बनवाने का निर्णय किया है। गांव वालों 100 रुपए से लेकर एक लाख तक का सहयोग दिया है।
बारिश ने डाली बाधा तो, गुरद्वारे में किया आयोजन
बीते रविवार की सुबह मस्जिद की नींव रखी जानी थी। लेकिन अचानक से भारी बारिश आने से कार्यक्रम बाधित हो गया। जिसके चलते गांव वालों ने मिलकर गुरुद्वारे में कार्यक्रम अयोजित करने का फैसला किया। गुरुद्वारे में मस्जिद की नींव के लिए पहली ईंट रखी गई साथ ही लंगर का भी आयोजन किया गया।
मुस्लिम परिवारों का भी हो इबादतगाह
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के हवाले से सरपंच का कहना है कि यहां तीनों समुदाय हमेशा सुख शांति से गांव में एक साथ रहते आए हैं। सभी गांव वाले चाहते थे की मुस्लिम परिवारों के पास भी अपना इबादतगाह हो, इसलिए ये फैसला किया गया कि जिस जगह पर पुरानी मस्जिद का ढांचा खंडहर हो गया है उसी जगह नए सिरे मस्जिद का पुनः निर्माण कराया जाए।
सरपंच आगे कहा कि बीते 70 सालों में कभी किसी समुदाय ने खुद को अकेला महसूस नहीं किया और हमें खुशी है कि हमारे गांव में दसवां धार्मिक स्थल बनने जा रहा है।