हिंदी सिनेमा में वैसे बहुत सुपरस्टार्स को दुनिया को दिया है लेकिन ऐसे भी कई नाम हैं जो अपने किरदारों की वजह से लोगों के दिलों में जिंदा रहते हैं ऐसे ही एक नाम हैं संजीव कुमार, जिन्हें आप “शोले” के “ठाकुर”के नाम से भी जानते हैं।
अपनी संजीदगी के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता संजीव कुमार का निधन महज 47 साल की उम्र में ही हो गया था। साल 1985 में दिल का दौरा पड़ने की वजह से संजीव कुमार की जान चली गई। संजीव कुमार का असली नाम हीराबाई जेठालाल जरीवाल था। संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई साल 1938 में गुजरात के सूरत में हुआ।
संजीव कुमार का अभिनय
संजीव कुमार ऐसे कलाकार थे जिन्होंने हीरो के अभिनय के साथ-साथ विलेन और साइड रोले में भी दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने अपने जीवन काल में कई सुपरहिट फिल्में की। ‘राम तेरे कितने नाम’, ‘मेरा दोस्त तेरा दुश्मन’ , ‘अंगूर’ , ‘हथकड़ी’ , ‘दासी’ , ‘वक्त की दीवार’ , ‘जनी दुश्मन’ , ‘त्रिशूल’ , ‘ज़िन्दगी’ और शोले जैसी तमाम फिल्मों में अभिनय करके नाम कमाया था।
संजीव कुमार को बतौर अभिनेता के रूप में काम करने का मौका सबसे पहले ‘निशान’ फिल्म में मिला था। उसके बाद उनकी कलाकारी ने सबका ध्यान आकर्षित कर लिया। ‘निशान’ फिल्म के बाद संजीव कुमार ने पीछे मुड़ के नहीं देखा।
उन्होंने लगातार सुपरहिट फिल्में की थीं। फिल्म ‘शोले’ में ठाकुर का किरदार उनके अभिनय से जीवंत हो गया। संजीव कुमार की एक खासियत थी। बताया जाता है कि वह कभी छोटे रोल निभाने के लिए भी हमेशा तैयार रहते थे।
संजीव कुमार को मिले अवॉर्ड
दर्शकों के दिल पर राज करने वाले अभिनेता संजीव कुमार को साल 1970 में श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। इसके साथ ही उन्हें फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार भी दिया गया।
संजीव कुमार के अफेयर्स
संजीव कुमार ज़िन्दगी भर कुंवारे रह गए। लेकिन, उनके अफेयर्स के किस्से भी किसी से छिपे नहीं हैं। संजीव कुमार के रोमांस की कहानियां हमेशा लोगों के सामने आती रहती थीं। खबरों की मानें, तो फिल्म ‘शोले’ की शूटिंग के दौरान वह अभिनेत्री हेमा मालिनी को अपना दिल दे बैठे थे।
यह भी बताया जाता है कि संजीव कुमार ने हेमा मालिनी को शादी का प्रपोजल भी दिया था। लेकिन हेमा मालिनी ने साफ इंकार कर दिया। एक समय ऐसा भी था, जब संजीव कुमार और जया बच्चन की जोड़ी भी खूब सुर्खियों में रही। इधर अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार को पसंद करने लगी थीं। यह खबर मीडिया में भी आने लगी। बताया जाता है कि संजीव कुमार के मौत के बाद सुलक्षणा पंडित ने भी कभी शादी नहीं की थी।
दुनिया को अलविदा कहने का डर
संजीव कुमार के परिवार के ज्यादातर पुरुष सदस्य की मौत 50 साल से कम उम्र में ही हो गई। जिसकी वजह से उन्हें हमेशा इस बात का डर रहता था कि उनकी मौत भी ऐसे ही कम उम्र में मौत हो जाएगी। बहरहाल हुआ भी ऐसा ही। महज 47 साल की उम्र में संजीव कुमार दुनिया से मुंह मोड़ लिया।
मौत के बाद हुई 10 फिल्में रिलीज
संजीव कुमार के अचानक मौत के बाद उनकी 10 फिल्मों को पर्दे पर लाया गया। बताया जाता है कि कुछ फिल्म की शूटिंग बाकी रह गई थी, जिसकी वजह से फिल्मों की कहानियों में फेरबदल करके रिलीज किया गया।
बता दें कि साल 1986 में हाथों की लकीरों, कांच की दीवार, कातिल, बात बन जाए, और लव एंड गॉड को रिलीज किया गया। इसके बाद साल 1988 में दो वक्त की रोटी और नामुमकिन को पर्दे पर प्रदर्शित किया गया। इसी के साथ 1989 में ‘ऊंच नीच बीच’ फिल्म को लाया गया। अंत में साल 1993 में ‘ प्रोफेसर की पड़ोसन ‘ को प्रदर्शित किया गया।