बीते दिनों बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी। चर्चा के बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव विधानसभा में कहानी सुनाने लगे। कहानी मुल्ला नसीरूद्दीन की थी जिसे तेजस्वी यादव ने राज्यपाल के भाषण से सम्बंधित बता दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि, एक कहानी है मुल्ला नसीरूद्दीन की जिसमे वो एक किलो मीट खरीदकर लाते हैं और अपनी बीवी से कहते हैं कि बेगम इस मीट को ज़रा बढ़िया से मसाले लगाकर बनाओ।
मुल्ला नसीरूद्दीन की बेगम खूब मसाले लगाकर मीट बनाने भी लगती हैं। मुल्ला इस बीच अपना मूड बनाने के लिए बाहर पान खाने चले जाते हैं। बेगम मीट बनाती हैं और उसे चखने लगती हैं। मुल्ला नसीरूद्दीन घर लौटते हैं तो उनकी बेगम उनके सामने खाली थाली परोसती हैं और कहती है कि शौहर आपकी सारी मीट ये बिल्ली खा गई…।
मुल्ला नसीरूद्दीन इस बात पर ठिठक जाते हैं और बिल्ली को उठाकर सीधा तराज़ू पर रख देते हैं और बिल्ली का वजन एक किलो पाकर वो अपनी बेगम से पूछतें हैं कि, बेगम अगर ये बिल्ली है तो मीट कहाँ हैं और अगर ये मीट हैं तो बिल्ली कहाँ हैं ?
तेजस्वी ने आगे कहा कि, महोदय ये जो अभिभाषण अभी राज्यपाल का रहा ये कहानी उससे रिलेट करती है। इसके बाद तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर सवाल दागते हुए पूछा कि अगर बिहार में विकास हुआ है तो बेरोजगारी क्यों हैं? अगर विकास हुआ है तो नीति आयोग की रिपोर्ट में सबसे फिसड्डी बिहार क्यों हैं? अगर विकास हुआ, क्राइम रुका तो डेली अपहरण, हत्या, लूट और बलात्कार क्यों रहे हैं ? क्यों बिहार बेरोजगारी के केंद्र में हैं, क्यों किसान तबाह हैं, संविधान ख़तरे में क्यों हैं ? क्यों लोकतंत्र खतरे में हैं?
तेजस्वी ने आगे कहा, अगर विकास हुआ है तो अस्पतालों की स्थिति सुधरती क्यों नहीं, शिक्षा का स्तर बद से बत्तर हो गया है और आप कह रहे हैं कि विकास हुआ है..। बिहार की जनता सब समझ रही है और सब जान रही है की कौन किसको बेवकूफ बना रहा है।