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व्यंग – जब नुक्कड़ में मेरा सामना नए नए राष्ट्रवादी से हुआ
उस तरफ नुक्कड़ पे एक नवोदित राष्ट्रवादी भाई मिल गए थे। बड़े विद्वान, आधुनिक और आला-मिजाज… खिजाब से रँगे बालों का घना गुलछट, माथे पर तिलक,...