मंटो की कहानी “टोबा टेक सिंह” का आखिरी हिस्सा क्या मैसेज देता है ?
मंटो से किसी ने पूछा: “क्या हाल है आपके मुल्क़ का ?” कहने लगा – बिलकुल वैसा ही जैसा जेल मे होने वाली जुमा की नमाज़ का...
मंटो से किसी ने पूछा: “क्या हाल है आपके मुल्क़ का ?” कहने लगा – बिलकुल वैसा ही जैसा जेल मे होने वाली जुमा की नमाज़ का...
कई दिन से दोनों पक्ष अपने-अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर और उधर से दस बारह फ़ायर किए जाते जिन की आवाज़ के...
मंटो जिसने “विभाजन” देखा,जिसने “इन्सान” को “इन्सान” के हाथो मरते देखा जिसने दो “कौमों” को बंटते हुए देखा और जिसने देखा की कैसे “खून” की प्यास...
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि कुछ महान शख्सियतें कागज के पन्नों पर इन्सानी जिंदगी, समाज और इतिहास की विडंबनाओं की परतों को उघाड़ने में जितनी...