क्या अब जनहित याचिकाओं को कमज़ोर किया जायेगा ?
अर्णब गोस्वामी के केस के माध्यम से निजी आज़ादी की मुखरता से बात करने वाली सुप्रीम कोर्ट अब संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत दायर होने...
अर्णब गोस्वामी के केस के माध्यम से निजी आज़ादी की मुखरता से बात करने वाली सुप्रीम कोर्ट अब संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत दायर होने...
एक जमाना न्यायिक सक्रियता का हुआ करता था। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट, जनहित के मुद्दे पर मुखर और आक्रामक थी। आज भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति...