शीशा तोड़ कर बाहर नही निकलते तो, 100+ बच्चे दम घुटने कि वजह से मारे जाते
5 बजे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंदर का माहौल बिलकुल नार्मल था, किसी भी बाहरी आदमी को अंदर आने कि इजाज़त नही थी, स्टूडेंट भी आईकार्ड...
5 बजे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंदर का माहौल बिलकुल नार्मल था, किसी भी बाहरी आदमी को अंदर आने कि इजाज़त नही थी, स्टूडेंट भी आईकार्ड...
बच्चे-बच्चे …यह सुनकर कुछ लोग तंग हो गए हैं, वे लाइब्रेरी में पढ़ने वाले युवाओं को उग्रवादी ही नहीं आतंकवादी करार देना चाहते हैं। चालीस-पचास दशक...