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नज़रिया – पैसे पेड़ पर नही ऊगते..
हम जो लिब्रेलाइजेशन की औलादें है। हम जो पिछले बीस सालों में कॉलेज से निकलकर धन्धे पानी और जॉब में है.. एक घमण्ड में रहे। घमण्ड...