बहन जी को नहीं मिल रहे हैं उम्मीदवार?

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Asad Shaikh

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों का माहौल बनता हुआ नजर आ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए तरह तरह के वादे सभी राजनीतिक दल जनता से कर रहे हैं और अपनी जीत को ध्यान में रखते हुए गठबंधन से लेकर जीत से गणित बैठाए जा रहे हैं। इन्हीं ज़रूरी कामों में एक और काम भी जिसे राजनीतिक दल बहुत ध्यान रख कर करते हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए बहुजन समाज पार्टी भी फिर दोबारा से उत्तर प्रदेश में अपनी ज़मीन तलाशना चाह रही है।बसपा कुछ महीनों से प्रबुद्ध सम्मेलन कर रही है। 2007 की सोशल इंजीनियरिंग को दोबारा से मायावती भुनाना चाहती हैं। लेकिन एक खबर कुछ दिनों से वायरल हो रही है जिसमें ये कहा जा रहा है कि “मायावती की पार्टी को उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं”।

इस खबर में ये दावा किया जा रहा है उम्मीदवार पहले की तरह उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं कि उन्हें बसपा का टिकट चाहिए। वैसे तो बसपा का प्रदर्शन कुछ चुनावों से बहुत ज़्यादा मज़बूत नहीं रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है कि उनकी पार्टी को उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं।

बसपा कर रही है तैयारी।

सूत्रों के मुताबिक मिली खबरों को ध्यान में रखा जाए तो पता ये चल पाया है कि बसपा से टिकट मांगने वालों की कोई भी कमी नहीं है,इस खबर को ध्यान में रखते हुए हमने वेस्ट यूपी में बसपा को लेकर राजनीतिक समझ रखने वाले पत्रकार खालिद इक़बाल से बात की,उन्होंने इस खबर का पूरी तरह से खंडन किया है।

उन्होनें कहा है कि “अक्सर बहुजन समाज पार्टी पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगते रहे है। लेकिन इस बार प्रत्याशियों की घोषणा में देरी मोलभाव नही, बल्कि गठबंधन का इंतजार है। संभवतः सपा रालोद के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद ही बसपा सुप्रीमो प्रत्याशी घोषित करें। हालांकि कुछ सीटों पर हाल ही में घोषणा हुई है।

दरअसल बसपा सबसे पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती आई है और उन्हें समय देती आयी है और अगर मोटे तौर पर देखें तो 3 से 4 महीने ही चुनाव में रह गए हैं। इसलिए तरह तरह के आंकलन बसपा के उम्मीदवारों और उनके चयन को लेकर तरह तरह की खबरें भी चल रही हैं।

अब देखना है होता है क्या..

फ़िलहाल 2007 में आखरी बार सत्ता में आई बसपा 2022 में सत्ता में फिर से काबिज़ होना चाहती है। इसलिए ही मायावती ज़मीनी स्तर पर मेहनत करती हुई नजर आने लगी है। उनकी पार्टी और नेताओं तक को बहन जी ने भी ये आदेश भी दिये हैं कि कार्यकर्ता अब लगातार पार्टी में एक्टिव होकर कार्य करें और चुनावों की तैयारियों में लग जाएं।

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