डॉ हामिद अंसारी ने देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताके लिए सेकुलर सरकार की आवश्यकता बताई है, उन्होंने अपने उद्बोधन में सेकुलरिज्म को देश के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
नागपुर में एक कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों के बीच सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए कोई भी प्रयास तबतक संभव नहीं है जबतक कि कोई भी सरकार वास्तविक अर्थों में धर्मनिरपेक्ष नहीं हो. उन्होंने कहा कि न्याय और सामाजिक शांति की मांग है कि मानव विकास का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाना चहिए और इसे न्यायसंगत बनाना चाहिए.
अंसारी यहां एक संगठन एसोसिएशन फार सोसल एंड इकोनामिक इक्वेलिटी की शुरूआत करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे. पूर्व उप राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र में गरीबी, असमानता, भेदभाव और अस्पृश्यता पर एक स्टेटस रिपोर्ट भी जारी की.
इस रिपोर्ट को संगठन के अध्यक्ष तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन सुखदेव सिंह थोराट ने तैयार किया है. रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अंसारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में मानव विकास में देश के अन्य हिस्सों की तरह असमानता है. न्याय तथा सामाजिक शांति की यह मांग है कि मानव विकास न केवल प्राथमिकता के आधार पर हो बल्कि यह न्याय संगत भी हो.
आपको ज्ञात करवा दें कि, इससे पहले उपराष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने अपने आखिरी संबोधन में कहा था कि भारत के मुसलमानों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना है. उन्होंने भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा था कि ज्यादा परेशान करने वाली बात किसी नागरिक की भारतीयता पर सवाल उठाया जाना है.