आजकल एक ओर जहां तमाम कॉरपोरेट जगत के लोग किसी तरह टैक्स की चोरी या कम से कम टैक्स देने की जुगत में लगे रहते हैं. वहीं दूसरी ओर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का कहना है कि उन्हें अधिक कर का भुगतान करना चाहिए और उनके जैसे अन्य बेहद अमीर लोगों को भी सरकार को ‘अधिक कर’ का भुगतान करना चाहिए.
बिल गेट्स की संपत्ति 90 अरब डॉलर से अधिक है. उन्होंने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे अधिक कर भुगतान करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “मुझे अधिक कर का भुगतान करना चाहिए, 10 अरब डॉलर से ज्यादा. लेकिन सरकार को मेरे जैसे अन्य लोगों से भी इतना ही ज्यादा कर वसूलना चाहिए.”
गेट्स, अमेजन के जेफ बेजोस के बाद दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं. उन्होंने रिपब्लिकन द्वारा कर कानूनों में कॉरपोरेशंस के लिए करों में कटौती का मुखर विरोध किया.गेट्स ने कहा,
“यह एक प्रगतिशील विधेयक नहीं था, यह एक प्रतिगामी कर विधेयक था.” उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा अरबपतियों को मिलेगा, जबकि रिपब्लिकन पार्टी का दावा है कि इससे मध्य वर्ग और कामगार वर्ग को लाभ होगा.”
उन्होंने सीएनएन से कहा,
“जो लोग अमीर हैं, उन्हें मध्यम वर्ग या गरीब की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त करने की आदत है, इसलिए यह वही सामान्य प्रवृत्ति है, जहां अमीरों के लिए सुरक्षा की जाली मजबूत हो रही है.”
अमेरिका में ‘बढ़ती असमानता’ पर गेट्स ने कहा कि सभी उन्नत लोकतंत्र को इस बारे में सोचना होगा. गौरतलब है कि गेट्स ने अपनी 40 अरब डॉलर की संपत्ति परोपकारी कार्यो में दे दी है.बिल गेट्स ज्यादातर रकम “बिल एंड मेलिंडा फाउंडेशन”के तहत दान करते हैं. इस संस्था के माध्यम से ही बिल गेट्स और उनकी पत्नी परोपकारी कार्यों में लगे हुये हैं.
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