इधर राजस्थान सरकार अपने चार साल पूरा करने का जश्न मनाने की तैयारी में जुटी है, तमाम आला अधिकारी सीएम वसुधरा राजे के कार्यक्रमों की रूप-रेखा तैयार करने में जुटे हैं.
उधर,राज्य में सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग पर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले राजकीय विभागों के 38 घटक संगठनों से जुड़े कर्मचारी शुक्रवार को राज्य में सामूहिक हड़ताल पर रहें. इनमें मंत्रालयिक कर्मचारी और शिक्षक भी हैं. इससे विभागों में कामकाज ठप हो सकता है तो सबसे ज्यादा प्रभाव स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर होगा. 11 दिसम्बर से स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू होगी और इससे पहले अतिरिक्त कक्षाओं में विशेष तैयारी करवाई जा रही है. लेकिन ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक भी सामूहिक अवकाश पर रहें.
कौन कौन शामिल
हड़ताल में अखिल राजस्थान कर्मचारी महासंघ, अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत), न्यायिक कर्मचारी संघ, नर्सिंग एसोसिएशन, एकाउंटेंट एसोसिएशन, रेसला शिक्षक संघ आदि से जुड़े शिक्षक-कर्मचारी शामिल हैं.
क्या है मांगे
1.जनवरी 2017 की बजाय जनवरी 2016 से लागू हो वेतन आयोग की सिफारिश, एकमुश्त किया जाए एरियर का भुगतान.
- सातवां वेतन आयोग केन्द्र के समान ही लागू हो और पे-मैट्रिक्स का एंट्री लेवल भी केंद्र के समान रखा जाए.
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से पहले प्रदेश सरकार ने ढ़ाई लाख कर्मचारियों के कई भत्ते कम कर दिया, उसे आदेश को वापस लिया जाए.
- ठेका प्रथा के तहत लगे कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- प्रदेश सरकार के खिलाफ मुकदमा जीत चुके कर्मचारियों को फैसले के मुताबिक लाभ दिया जाए.
- खाली पड़े पदों पर नई भर्तियां की जाए.
- पूर्व की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए.