तालिबान और अन्य देशों के बीच अब क़तर करेगा अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता

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अफगानिस्तान ( afganistan) में अब तालिबानी (taliban) हुकूमत काबिज़ हो गयी है। अब किसी भी देश को अफगन से सम्बन्धो के लिए तालिबानी हुकूमत से बातचीत करनी होगी। लेकिन सीधे तौर पर कई देश तालिबान हुकूमत से बातचीत करने से घबरा रहा है।

इसलिए अब अन्य देशों के राजदूत इस मामले में कतर का सहारा ले रहे हैं। कतर मिडिल ईस्ट में एक खाड़ी देश है जो प्राकतिक गैसों का सबसे बड़ा उत्पादक है। कतर (Katar) देश एक तरफ से सऊदी अरेबिया से सटा है वहीं इसके दूसरी और पर्शियन गल्फ है।

क़तर करेगा अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता:

बीते 8 अगस्त अमेरिका (america) के स्टेट सेक्रेटरी (state secretary) अंटोनी ब्लिंकेन (Antony blinken) ने कतर साशन से दोहा में बात चीत की। ये बात चीत अफगान में स्थापित हुए नई सरकार के लिए थी। दरअसल, अब बाकी देश अफगन सरकार से बात के लिए कतर की मध्यस्थता चाहते हैं। वहीं क़तर को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का स्थान भी बना रहे हैं।

 

इसके पीछे का कारण यह है कि क़तर के अफगान और तालिबान दोनों से ही अच्छे संबंध माने जाते है। साल 2013 में क़तर ने ही तालिबान को अपना मुख्य अंतराष्ट्रीय कार्यालय खोलने दिया था। वहीं तालिबान को शांति वार्ता के लिए स्थान भी दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले दोहा में ही भारत और तालिबान के बीच भी बातचीत हुई थी।

काबुल से अफगानियों को निकालने में की थी मदद:

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक क़तर के अपने पड़ोसी देशों को लेकर डिसपीयूट (dispute) चल रहे थे। लेकिन अब क़तर वापस आ गया है, और अगले साल होने वाले फुटबॉल वर्ल्डकप (soccer worldcup) की मेजबानी भी करने वाला है।

 

इतना ही नहीं तालिबानी हुकूमत के बाद क़तर ने अफगानी लोगों को काबुल एयरपोर्ट (kabul airport) से निकलने में मदद की थी। जिसके बाद काबुल एयरपोर्ट से घरेलू उड़ाने शुरू हुई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ कहा है कि, “हम अपनी कूटनीति को आगे बढ़ा रहें है, और हम जानते है कि क़तर इसमें भागीदार बनेगा। क्योंकि क़तर पहले भी अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आ चुका है।”

 

रॉयटर्स के मुताबिक क़तर ने अपने पड़ोसी देश तुर्की (turkey) के साथ मिलकर काबुल से अफगानियों को निकालने में मदद की थी। वहीं अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश जिनके राजनायिक अपने दूतावास छोड़ अफगान से जा चुके हैं, इसके लिए भी क़तर मुख्य मध्यस्थ के तौर पर काम कर रहा है।

रेगिस्तानी देश है क़तर:

क़तर एक रेगिस्तानी प्रायद्वीप है, जिसमे बड़ी मात्रा में तरल प्राकतिक गैस का उत्पादन होता है। आबादी की दृष्टि से केवल 30 लाख लोगों का देश है, इसमें भी 85 प्रतिशत आबादी उन लोगो की है जो दूसरे देशों के है और वीज़ा पर क़तर में रह रहे है।

2011 के अरब स्प्रिंग विद्रोह में क़तर ने अपने क्षेत्रीय दबदबे को खत्म कर दिया था। इसके पीछे का कारण क़तर द्वारा लोकतंत्र समर्थक आंदोलन और क्षेत्र में विद्रोहियों का समर्थन करना था।

इसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व में मिस्र जैसे पड़ोसी देशों ने इस पर व्यापार प्रतिबंधों को लगा दिए और राजनयिक अलगाव के साथ दंडित भी किया। अब क़तर ने उस मामले को इसी साल सुलझा लिया है। वहीं बाकी देश अब क़तर का सहारा तालिबानी हुकूमत के साथ मध्यस्थता के तौर पर देख रहे हैं।

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