इस मामले में भारत से आगे निकलना चाहता है पाकिस्तान

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आज पूरी दुनिया की राजनीति में पर्यावरण एक अहम मुद्दा बनकर उभरा है, सभी देश अपने आप को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर कदम उठाने का दावा करते आए हैं।

पर्यावरण, प्रकृति, रिन्यूएबल एनर्जी, आदि की बातें संयुक्त राष्ट्रीय संगठन (यूएनओ) में अधिक देखने को मिलती है।

अमेजन के जंगलों में आग, ऑस्ट्रेलिया में फॉरेस्ट फायर, अफ्रीका में भूकंप और वोल्केनो, एशिया के दक्षिणी देशों में बाढ़, हर रूप में पर्यावरण अपना क्रोध प्रकट कर रही है।

इस साल मॉनसून में 10 अरब पेड़ लगाएगा पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर अपने देशवासियों से अपील की है कि वह इस मानसून सीजन में अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाएं।

उन्होंने देश के युवाओं से आग्रह किया है कि देश के सबसे बड़े ट्री प्लांटेशन अभियान का हिस्सा बनें और उसे सफल बनाएं। पूरे देश में सरकार ने ‘क्लीन एंड ग्रीन पाकिस्तान’ के साथ 10 अरब पेड़ लगाने का प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति वृक्ष अनुपात 05 है। भारत में ये संख्या 25 है, यानी 5 गुना,इसलिए इमरान सरकार ने देशवासियों से कहा है कि वह पाकिस्तान का इतिहास रचना चाहते हैं।

प्रति व्यक्ति वृक्ष अनुपात की लिस्ट में पाकिस्तान को नंबर वन बनाने में पाकिस्तान को नंबर वन बनाने में अपना भरपूर योगदान दें।

पाकिस्तान में अब तक एक अरब पेड़ लगाए गए हैं, जिससे वर्ल्ड ट्री मैप 2020 की लिस्ट में पाकिस्तान चौथे स्थान पर है।

किस देश में कितने नेचुरल ऑक्सीजन सिलेंडर है मौजूद?

पूरी दुनिया में कुल 30 खरब पेड़ मौजूद है। यह आंकड़ा 2014 में लिया गया था। भले यह संख्या सुनने में बहुत अधिक लगे मगर इसके मुताबिक हर व्यक्ति पर केवल 422 पेड़ मौजूद है। मानव सभ्यता के आने के बाद से धरती पर मौजूद पेड़ों की संख्या में लगभग 46% की कमी हुई है।

आज दुनिया में सबसे अधिक पेड़ों की संख्या रशिया में है, जहां 06 खरब से ज्यादा पेड़ है। उसके बाद दूसरे नंबर पर आता है कनाडा, जहां कुल 3.18 खरब पेड़ हैं।

फिर ब्राजील ,जहां 03 खरब पेड़ हैं,उसके बाद अमेरिका,जहां 2.28 खरब पेड़ हैं फिर चीन,जहां 13.9 खरब पेड़ है और आखिर में भारत,जहां केवल 35 अरब पेड़ मिलते हैं।

2016 – 2019 के बीच तेजी से बढ़ी है डिफोरेस्टेशन की रफ्तार

भारत में 2016 से 2019 के बीच कुल 76,72,337 पेड़ काटे गए। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, वित्त वर्ष 2016 – 2017 के दौरान 17,31,957 पेड़ काटें गए थे, जिनकी संख्या वित्त वर्ष 2018 – 2019 में बढ़कर 30,36,642 हो गई। केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्री बाबुल सुप्रियो के अनुसार, “एक भी पेड़ की कटाई अनावश्यक नहीं की गई है। जहां सच में जरूरत महसूस हुई, केवल वहीं पेड़ों की कटाई हुई है। ”

ऑक्सीजन का गला घोंट रही है दुनिया।

आज जिस ऑक्सीजन गैस की कमी से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है, असल में उस ऑक्सीजन की किल्लत के जिम्मेदार आम लोग ही हैं, बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते शौक के कारण लगातार 20 सालों से न जाने कितने ही करोड़ पेड़ों को काटा गया है। जिन पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती है, हम उन्हीं का गला घोंट रहे हैं।

(वॉशिंगटन पोस्ट) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर साल करीब 15 अरब पेड़ काटें जाते हैं मतलब हर साल लगभग हर व्यक्ति के जीवन से 02 पेड़ कम हो जाते हैं। भारत देश में पेड़ों की कुल संख्या मात्र 35 अरब है, जो दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले काफी कम है।

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