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पाकिस्तान में कुलभूषण के लिए लड़ने वालीं अासमा जहांगीर का निधन

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जानी-मानी सीनियर वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता अासमा जहांगीर का रविवार को लाहौर में निधन हो गया। वह 66 साल की थीं. नवभारत टाइम्स के मुताबिक, उन्हें दिल का दौरा पड़ने की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, वहीं उनका निधन हो गया. कुलभूषण जाधव मामले में अासमा जहांगीर ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी.

इन मामलों पर आवाज उठा चर्चा में रही थी

  • जब पाकिस्तान उनके यहां कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सिस नहीं दे रहा था तब जहांगीर ने पूछा था, ‘सरकार को काउंसलर एक्सिस न देने की सलाह किसने दी? क्या इससे भारत में बंद पाकिस्तान के नागरिकों के अधिकार खतरे में नहीं पड़ जाएंगे? क्या हम इंटरनैशनल लॉ को भी बदल सकते हैं?’
  • जहांगीर का जन्म जनवरी 1952 में लाहौर में हुआ था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया था। जहांगीर ने लाहौर हाई कोर्ट और पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में भी काम किया. वह पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन की पहली महिला अध्यक्ष थीं.
  • पाकिस्तान में जब-जब लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश हुई तो जहांगीर ने भी अपनी आवाज बुलंद की. 1983 में उन्हें जेल भी हुई थी. 2007 में हुए वकीलों से जुड़े आंदोलन में भी उन्होंने हिस्सा लिया था। तब उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था। उन्हें कई सम्मानों से भी नवाजा गया था. जहांगीर को हिलाल-ए-इम्तियाज, सितारा-ए-इम्तियाज मिला. मानव अधिकार पर काम करने के लिए UNESCO ने भी उन्हें सम्मानित किया था.
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