नूतन ने पति के कहने पर संजीव कुमार को जड़ दिया था थप्पड़, मां से भी रिश्ते नहीं थे अच्छे

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ब्लैक एंड व्हाइट से चाइल्ड एक्टर के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली नूतन ने करीब 4 दशकों तक अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। नूतन ने ब्लैक एंड वाइट और कलर फिल्में मिला कर कुल 70 फिल्मों में अभिनय किया और लोगों के दिलों पर 40 साल राज किया। लेकिन उनकी निजी जिंदगी में कई ऐसे पेंच थे जिसके कारण वह सुर्खियों में रहीं।

बचपन से चाहती थीं एक्टर बनना

नूतन अपने समय की सबसे खूबसूरत और सदाबहार एक्टर मानी जाती हैं। नूतन का जन्म 4 जून 1936 को मुंबई के मराठी परिवार में हुआ था। नूतन बचपन से ही एक्टर बनना चाहती थीं। उनके माता-पिता दोनों ही कलाकार थे, और इंडस्ट्री में दोनों ने लम्बे समय तक काम किया। उनके पिता खुद एक मशहूर निर्देशक रहे, घर के माहौल और उनके एक्टर बनने की चाहत ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया।

नूतन ने सिर्फ 14 साल की उम्र में अपने फिल्मी सफर की शुरआत कर दी थी। बतौर चाइल्ड एक्टर उनकी पहली फिल्म ‘हमारी बेटी’ थी। इस फिल्म को उस समय एडल्ट कैटेगरी में रखा गया था, जिस कारण से नूतन को उनकी पहली ही फिल्म परदे पर देखने का मौका नहीं मिला।

नूतन ने अपने 40 साल के फिल्मी कैरियर में कुल 70 फिल्मों में कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया, जिसमें राजकपूर, दिलीप कुमार, अशोक कुमार, किशोर कुमार, मनोज कुमार, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, ,शम्मी कपूर, धर्मेंद्र, संजीव कुमार व अमिताभ बच्चन जैसे सदी के महानायक भी शामिल थे।

पति के कहने पर संजीव कपूर को जड़ दिया था थप्पड़

नूतन का दिल किसी फिल्मी हीरो पर नहीं बल्कि देश की सेवा करने वाले असली हीरो पर आया था। फिल्मी परिवार से ताल्लुक और हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाने के बावजूद नूतन ने किसी अपना जीवनसाथी किसी इंडियन नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल को चुना। अपनी पहली फिल्म करने के महज 9 साल बाद 1959 में नूतन ने रजनीश बहल से शादी कर ली।

नूतन अपनी शादी और रजनीश के साथ अपने रिश्ते को निभाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थीं, इसी कारण उन्होंने अपने पति के कहने पर अपने को-स्टार को भरे फिल्म सेट पर थप्पड़ मार दिया था। दरअसल, 1968 में नूतन और संजीव कुमार एक साथ देवी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे इसी दौरान नूतन और संजीव कुमार के अफेयर की कई अफवाहें फिल्मी जगत में फेल गई। जब यह बातें लेफ्टिनेंट रजनीश तक पहुंची, तो उन्होंने नूतन के सामने अपनी शादी बचाने के लिए एक शर्त रख दी, रजनीश ने नूतन से कहा कि- अगर उनकी तरफ से ऐसा कुछ नहीं है और अगर वो इस शादी को बचाना चाहती हैं तो उन्हें खुद की सही साबित करना होगा, जिसके लिए रजनीश ने नूतन से संजीव कुमार को फिल्म के सेट पर थप्पड़ मरने की कहा। इसी शर्त के चलते नूतन ने फिल्म के सेट पर पहुंच कर, पहले संजीव कुमार से इन अफवाहों के बारे में पूछा और एकदम से संजीव के मुंह पर थप्पड़ जड़ दिया और वहां से चली गईं।

एक इंटरव्यू में नूतन ने इस पूरी घटना पर खुल कर बातचीत की और कहा – जब उन्होंने संजीव कुमार को थप्पड़ मारा तो नूतन को काफी अफसोस हुआ था, लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि संजीव कुमार खुद अपने और नूतन के अफेयर की अफवाह सिनेमा जगत में फैला रहे थे, तो उन्हें संजीव को थप्पड़ मरने का कोई मलाल नहीं रहा।

20 सालों तक मां से नहीं रहे रिश्ते ठीक, लगाया था हेर-फेर का आरोप

नूतन की मां कुशल और समृद्ध एक्टर थीं, नूतन और उनकी बहन तनुजा ने हिंदी सिनेमा में बेहद खास मुकाम हासिल किया। लेकिन, जिस मां अपनी दोनों बेटियों को सिनेमा की राह दिखाई और जिनसे नूतन ने एक्टिंग के गुण सीखे, अपने कैरियर की ऊंचाइयों पर जाकर नूतन के उन्हीं से रिश्ते बिगड़ गए, जिसके कारण नूतन में अपनी मां शोभना समर्थ से 20 सालों तक बात नहीं की। अपनी मां शोभना पर नूतन ने ये आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी मां को कोर्ट तक में घसीटा, इस पूरे विवाद पर नूतन ने अपने दोस्त और फोटोग्राफर गौतम राजध्यकक्ष कहा था कि उनके लिए ये फैसला लेना सच में काफी मुश्किल था। लोगों से उन्हें ऐसी ही प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। नूतन ने आगे फोटोग्राफर गौतम से कहा- लोग कहेंगे कि कोई बेटी अपनी माना को कोर्ट में कैसे घसीट सकती है? लेकिन इस संघर्ष की सहना और सामना करना मेरे लिए आसान नहीं था। मुझे खुद से जुड़े हुए लोगों के भविष्य की चिंता थी, और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाना काफी जरूरी थी।

अपनी बहन से भी चिढ़ने लगी थीं नूतन

पैसों के विवाद ने मां बेटी के बीच में मनमुटाव पैदा कर ही दिया था, साथ ही नूतन को उनकी बहन तनुजा से भी चिढ़ होने लगी थी। ललिता तम्हाणे ने नूतन की बायोग्राफी में इस बता का जिक्र करते हुए लिखा है कि – एक बार नूतन को चेन्नई जाना था, अब जिस विमान से नूतन चेन्नई जाने वाली थीं उसी विमान में उन्होंने तनुजा को देख लिया, नूतन तुरंत उस विमान से उतर गईं और दूसरे विमान से चेन्नई पहुंची। पर नूतन के परिवार को इन सभी बातों का कभी बुरा नहीं लगा।

नूतन के परिवार को लगता था कि नूतन के पति का प्रभाव काफी गहरा था, या यूं कहें कि उनके पति का व्यवहार नूतन पर काफी हावी रहता था। जिसके चलते उनके अपने घर वालों से उनके रिश्ते खराब हो गए। हालांकि नूतन के बेटे मोहनीश बहल ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि पापा को हमेशा गलत समझा गया और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई।

अवार्ड एंड अचीवमेंट

शादी के बाद भी उन्होंने लगातार कई बेहतरीन फिल्में दी। नूतन ने फिल्म बंदिनी में कैदी की भूमिका निभाई थी, जिससे उनके फिल्मी कैरियर में चार चांद लग गए। इसके अलावा कई फिल्मों के लिए उन्हें फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला। 1974 में सिनेमा में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए नूतन को देश के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया।

निधन

नूतन कैंसर से पीड़ित थीं, 1990 में नूतन को उनकी बीमारी के बारे में पता चला। एक बार तो वो कैंसर से ठीक हो गई थीं लेकिन, जब कैंसर के कारण उनका लीवर खराब हो गया, तन नूतन जीवन की जंग हार गईं और साल 1991 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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