मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी चर्चा का विषय रहे. संजय सिंह मसानी ने कांग्रेस जॉइन करते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासन के खात्मे की बात कही थी.
संजय मसानी को कांग्रेस ने बालाघाट ज़िले की वारासिवनी सीट से उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. पर संजय चौथे स्थान पर रहे. वारासिवनी से जीत दर्ज करने वाले प्रदीप जैसवाल चार बार से वारासिवनी के विधायक रहे हैं. 2013 में प्रदीप जैसवाल चुनाव हार गए थे.
इस बार भी उन्हें कांग्रेस से टिकिट मिलने की पूरी संभावना बताई जा रही थी. पर संजय मसानी के कांग्रेस में आने के बाद संजय को वारासिवनी से उम्मीदवार बनाया गया था.
चुनाव परिणामों के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया है. ऐसे
में प्रदीप
(गुड्डा) जैसवाल का कांग्रेस के साथ जाना तय माना जा रहा है. ज्ञात होकि गुड्डा
जैसवाल ने निर्दलीय होते हुए भी अपने प्रचार बैनर एवं पोस्टर्स में राहुल गांधी से
लेकर इंदिरा गांधी तक की फोटो लगाकर प्रचार कर रहे थे.