सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शिंदे और फड़नवीस को सत्ता छोड़ देना चाहिए: नाना पटोले

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मुंबई, (भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से तत्काल पद छोड़ने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने राज्य में धार्मिक विवादों के बेकाबू होने पर गुस्सा जाहिर किया है। पटोले ने एक बयान में आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले नौ महीनों में महाराष्ट्र की छवि को बड़ा झटका दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कुछ संगठनों के सदस्यों द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण राज्य में सांप्रदायिक विवाद बढ़ रहे हैं, लेकिन शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है और उसे ‘नपुंसक’ करार दिया है क्योंकि उनकी निष्क्रियता के कारण राज्य में धार्मिक विवाद बेतहाशा बढ़ रहे हैं।

विपक्षी विधायक ने कहा कि 30 जून, 2022 को कार्यभार संभालने वाली शिंदे-फडणवीस सरकार को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने बुधवार को एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की, जिसमें नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए महाराष्ट्र सहित कई राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

पीठ ने कहा, ”हम अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं क्योंकि राज्य समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य नपुंसक, शक्तिहीन हो गया है, और समय पर कार्य नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 अप्रैल के लिए स्थगित करते हुए याचिका पर महाराष्ट्र से जवाब मांगा है।

शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय द्वारा व्यक्त किए गए गुस्से को उचित बताते हुए पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक और सांसद खुलेआम लोगों को धमकाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘एक कुख्यात सट्टेबाज के परिवार का एक सदस्य गृह मंत्री के घर में खुलेआम घूमता है, लेकिन पुलिस और गृह मंत्री को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां तक कि जब सत्तारूढ़ पार्टी (शिवसेना) का कोई विधायक सार्वजनिक रूप से गोलियां चलाता है, तब भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

पटोले संभवत: एक फैशन डिजाइनर द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस से पैसे ऐंठने के कथित प्रयास और 2022 में कथित तौर पर शिवसेना विधायक सदा सरवणकर की संलिप्तता वाली गोलीबारी की घटना से संबंधित मामले का जिक्र कर रहे थे।

एमपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में एक संगठन ने राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किए, बैठकें आयोजित कीं और भड़काऊ बयान दिए, जिससे सामाजिक शांति को खतरा पैदा हुआ। पटोले ने अपनी पहचान उजागर किए बिना कहा कि कुछ संगठनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि सरकार इस विशेष संगठन का समर्थन कर रही है।

उन्होंने कहा, ”महाराष्ट्र एक प्रगतिशील और उन्नत राज्य है… मुंबई और महाराष्ट्र की देश में बहुत प्रतिष्ठा है, लेकिन कुछ संगठन धर्म के नाम पर राज्य को बदनाम करने में लगे हुए हैं। पटोले ने कहा कि सरकार को मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए और ऐसे समूहों पर लगाम लगानी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा कहे गए कड़े शब्दों का इस्तेमाल आज तक किसी भी प्रशासन के खिलाफ नहीं किया गया है, जो दिखाता है कि स्थिति कितनी गंभीर है।