आरएसएस और उसके अनुसांगिक संगठन व भाजपा समर्थकों के हाथ खून से रंगे हुए हैं. राजस्थान के विभिन्न संगठनों के द्वारा संयुक्त ज्ञापन .
वसुंधरा राजे, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर
विषय – 1) कमान पहाड़ी, भरतपुर के कथित गौरक्षकों और पुलिसकर्मी को बिना देरी किये उमर मुहम्मद की हत्या के जुर्म में तुरंत गिरफ़्तार किया जाए.
- 2) उमर और उसके साथी यात्रियों ताहिर और अन्य लोगों के खिलाफ गाय तस्करी का मामला वापस लिया जाएँ.
- 3) तथाकथित गौ रक्षक और अन्य लोगों द्वारा राजस्थान में मुसलमानों पर हमले रोकने की योजना बनाएं और विशेष रूप से अलवर और भरतपुर जिले में मेव समाज के लिए एक सुरक्षा योजना बनायें क्योंकि ये सभी डेरी किसान हैं.
आदरणीय मैडम, 12 नवम्बर 2017 को, आप अलवर में उप-चुनावों के लिए प्रचार में थीं. जब अलवर जिले के गोविंदगढ़ के निकट 10 नवंबर को रामगढ़ थाना (अलवर) पुलिस तथा तथाकथित गौ रक्षक के द्वारा उमर मोहम्मद की भयावह हत्या प्रकाश में आई.
उमर भरतपुर, राजस्थान जिलें में पहाड़ी कमान के निकट घटमटीका पहाड़ी का एक निवासी था, जोकि एक डेरी किसान था. जब वह रामगढ़ से कुछ गाय के साथ लौट रहा था. उसके पिकअप वाहन को एक पट्टा के माध्यम से रोका गया था, टायर को पंचर किया गया और फिर उस पर हमला किया गया. तथ्यों से पता चलता है कि रामगढ़ की पुलिस उमर के हत्या में गौ रक्षकों के साथ समान रूप से शामिल थी. चौंकाने वाली बात ये है, कि पुलिस और गौगुंडों ने उमर के शरीर को रेलवे ट्रैक पर फेंक कर सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की.
उमर के शरीर की वर्तमान स्थिति को देखकर पुलिस और तथाकथित गौरक्षकों की क्रूरता का पता चलता है. क्योंकि ट्रेन के उपर से चलने के बावजूद शरीर से गोली के बाहर निकलने वाले घावों को छिपाया नहीं जा सका. चश्मदीद गवाह ताहिर बहुत गंभीर हालत में है, और उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. उमर की हत्या आपकी विफलता का प्रतीक है, आपकी सरकार मुस्लिमों और ख़ास तौर से डेरी का कार्य करने वाले किसानों को सुरक्षा देने के मामले में बुरी तरह विफ़ल हुई है. आपको याद हो कि पिछले 2 साल में 4 ऐसी हत्याएं हुई हैं, जिन्हें आपको याद करना चाहिए –
- 30 मई 2015, अब्दुल गफ्फार कुरैशी, बिरलोका, डिडवाणा तहसील, नागौर जिला
- 1 अप्रैल पहलु खान, बेहरोर थाना, अलवर जिला • 16 जून, जफर खान, प्रतापगढ़ टाऊन, प्रतापगढ़ ज़िला
- 10 सितंबर, भगतराम मीना, नीम का थाना सीकर जिला
महोदया, इस खूनी पागलपन को रोकने के लिए क्या कोई योजना है, क्योंकि अब इन गौरक्षकों ने रक्त चख लिया है, साथ ही इन्हें पुलिस व प्रशासन का साथ मिला हुआ है. (पहलू खान के सभी हत्यारों को जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया और जफर ख़ान के तो खुले घूम रहे हैं)। अगर इन हत्याओं को आज नहीं रोका गया तो ये सिलसिला और बढ़ सकता है. यह सरकार द्वारा अनुच्छेद 21 के तहत मुसलमानों को मिले के जीवन के अधिकार का बड़ा उल्लंघन होगा. आप जीवन की रक्षा करना चाहते हैं और हत्यारों को प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
उमर मोहम्मद संदर्भ में हम मांग करते हैं:
- जांच स्वतंत्र एजेंसियों को तत्काल हस्तांतरित की जाए. SIT या आईजी के अंडर में कराई जाए. 2. कम से कम ताहिर जोकि पुलिस और गौ रक्षकों के खूनी पागलपन से बच गए थे, के द्वारा लिया गया नाम राकेश को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
- 25 लाख की नकद और परिवार को जमीन सहित मुआवजा और उनके परिजनों के लिए एक सरकारी नौकरी दी जाए.
- ताहिर को सुरक्षा और 10 लाख रुपये दिये जायेें। उमर और ताहिर के खिलाफ गाय तस्करी का झूठा मामला तुरंत हटाया जाए.
- रामगढ़ एसएचओ को ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. अलवर एसपी को इसे रोकने में असफल रहने और दो दिन तक शरीर का पता न लगाने के लिए निलंबित कर दिया जाना चाहिए. गृह मंत्री को अलवर और भरतपुर जिले में मेव समाज के संरक्षण के लिए एक योजना तैयार करना होगा.
हमें उम्मीद है कि यह राजस्थान में इस तरह का आखिरी मामला होगा. सरकार के द्वारा सुरक्षा के इंतज़ाम करने से ऐसी घटनाओं में कमी आ सकती है.
कविता श्रीवास्तव (अध्यक्ष, PUCL राजस्थान), अनन्त भटनागर (महासचिव, PUCL राजस्थान), निखिल डे (MKSS), मौलाना हनीफ़ (उपाध्यक्ष, PUCL), नूर मुहम्मद अलवर ज़िला PUCL सचिव), सुमित्रा चोपड़ा और कुसुम साईवालAIDWA , निशा सिद्दू NFIW, राशिद हुसैन वेलफ़ेयर पार्टी राजस्थान, मुहम्मद इक़बाल जमाते इस्लामी हिन्द राजस्थान, बसंत हरियाणा, सवाई सिंह नागरिक मंच, राजस्थान समग्र सेवा संघ भंवर मेघवंशी, PUCL ताराचंद, HRLN कोमल श्रीवास्तव, BGVS पप्पू कुमावत, PUCL ममता जेटली, विविधा,Women’s Documentation and Research centre रेणुका पामेचा, मुकेश गोस्वामी w कमल तक, RTI मंच एवं अन्य. संपर्क : कविता श्रीवास्तव – 9351562965, निखिल डे – 9910421260