“लाईक करो और कमाओ”, मुंबई पुलिस ने 3 सायबर अपराधियों को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया

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‘लाइक एंड अर्न’ घोटाले के एक मामले की जांच करते हुए मुंबईकी वीपी रोड पुलिस स्टेशन की टीम ने मध्य प्रदेश से तीन साइबर अपराधियों को हिरासत में लिया है। व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए साइबर धोखाधड़ी के पीछे असली मास्टरमाइंड अभी भी फरार हैं।

बहुचर्चित साइबर धोखाधड़ी की जांच कर रहे मुंबई पुलिस के कई पुलिस स्टेशन और साइबर सेल अभी तक साइबर बदमाशों पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं जमा पाए हैं, जो पूरे भारत में नागरिकों को धोखा देने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संजय सिंह चौहान, रणवीर सिंह शेखावत और आयुष राठौड़ के रूप में हुई है।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 70,000 रुपये नगद बरामद किए हैं और उनके परिसरों की तलाशी के दौरान 11 डेबिट कार्ड और 19 बैंक चेक बुक भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बैंक को उस खाते को फ्रीज करने के लिए लिखा है, जिसका उपयोग लाखों धोखाधड़ी की राशि को ट्रांसफर करने में किया गया था।

मुंबई पुलिस के ज़ोन 2 के DSP अभिनव देशमुख ने कहा, ‘तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल और हमारी टीम के अथक प्रयास से हम मध्य प्रदेश के तीन संदिग्धों को पकड़ने में सफल रहे, जो उन अकाउंट नंबरों तक पहुँचने के लिए  महत्वपूर्ण थे, जिन पर घोटाले की राशि स्थानांतरित की गई थी। कम से कम, यह गिरफ्तारी धोखाधड़ी की श्रृंखला को तोड़ देगी, और हम अन्य लोगों को खोजने के लिए अपने प्रयास जारी रख रहे हैं।

जांच अधिकारी राहुल पाटिल के नेतृत्व में पुलिस की टीम मध्य प्रदेश के नीमच जिले में पहुंची और आरोपियों को पकड़ने और उन्हें शहर वापस लाने के लिए कम से कम तीन दिनों तक वहां डेरा डाले रखा। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘हम 15-20 किलोमीटर पैदल चले क्योंकि हमारे पास आरोपियों का पिन प्वाइंट लोकेशन नहीं था, लेकिन स्थानीय बल की मदद से हम उन्हें भागने से पहले ही पकड़ लेने में सफल रहे।

क्या है मामला

दक्षिण मुंबई की रहने वाली 40 वर्षीय एक महिला ने नौकरी की तलाश में 15 जनवरी को Naukri.com पर अपना रिज्यूम पोस्ट किया और 18 जनवरी को उसे मैक्कन ग्रुप एशिया पैसिफिक का एचआर होने का दावा करते हुए अज्ञात नंबर से एक फोन आया। कॉलर ने उसे गूगल पर कुछ लिंक पर समीक्षा देने के लिए कहा और कहा गया कि वह वीडियो पसंद करके और समीक्षा देकर भी ठीक-ठाक पैसे कमाने के लिए घर से काम कर सकती है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि इस प्रक्रिया के दौरान उसने कुछ हजार कमाए और बाद में 2,05,000 रुपये ठग लिए गए।

इसके अलावा शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी के खिलाफ बेंगलुरु में भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं और एक मामला मुंबई ईस्ट रीजन साइबर सेल के पास है। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन तीनों गिरफ्तारियों की मदद से हम पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड का पता लगा रहे हैं, जो पीड़ितों के साथ संवाद करने के लिए अलग-अलग टेलीग्राम और इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे और बाद में उनसे लाखों की ठगी कर रहे थे।