आज बात उस खिलाड़ी की जो “महान” था,है और रहेगा उसका नाम उसकी पहचान में और खूबी बढ़ा देता है,वो बोक्सर जो कहता था “आई एम दा “ग्रेटेस्ट” वो बोक्सर जो अपने रिंग में उतरने पर बता देता था की हाँ वो “महान” है,और उसके जीते “टाइटल” उसे आज भी तमाम दुनिया मे उसके नाम की ख्याति कराता है,वही बोक्सर जो “दिखता तितली की तरह था और डंक बिच्छु की तरह मारता था” वो खिलाड़ी जो खेल भी खेला रिंग में उतरा और महान रहा और हमेशा रहेगा , वो खिलाडी जो अश्वेत लोगों के साथ खड़ा हुआ और उनको उनका सम्मान दिलाया,और बना “हेविवेट चैम्पियन” आज बात हो रही है दुनिया के सबसे महान बॉक्सर “मोहम्मद अली” दी लीजेंड अली विश्व हेविवेट चैम्पियन की और उनकी और उनकी काबिलियत की, 17 जनवरी को मोहम्मद अली का का जन्मदिन होता है |
क्लैसियस क्ले ने 29 अक्टूबर, 1960 को अपने पेशेवर कैरियर की शुरुआत की जिसमें इन्होंने टनी हनसेकर पर छह दौर मेंनिर्णय जीत हासिल की। तब से 1963 के अंत तक, क्ले ने पीटकर 19-0 का रिकार्ड बनाया जिसमें 15 जीत नॉक आउट से प्राप्त कीं। इन्होंने टोनी एसप्रेटी, जिम रॉबिन्सन, डॉनी फ्लीमैन, अलोन्ज़ो जॉनसन, जॉर्ज लोगान, विल्ली बेसमैनऑफ़, लैमर क्लार्क, डग जोन्स और हेनरी कूपर सहित मुक्केबाजों को पराजित किया। क्ले भी 1962 के मैच में अपने पूर्व प्रशिक्षक और दिग्गज मुक्केबाज आर्ची मूर को भी हराया।
मोहम्मद अली वो बोक्सर जिन्होंने सब कुछ बिलकुल शुरू से जीत कर हासिल किया और एक ऐसे मुकाम पर पहुचे जहाँ पहुँच पाना हर किसी के बस की बात नही होती है,मुह्म्द्द अली का जन्म 17 जनवरी को 1942 अमेरिका के केन्टकी में हुआ था ,12 वर्ष की आयु से ही उन्होंने बोक्सिंग खेलना शुरू कर दिया था,और 18 वर्ष की उम्र तक वो लगभग 100 मुकाबलें भी खेल चुकें थे,आखिर में वो मुक़ाम ही आ गया जब मोहम्मद अली विश्व हेविवेट चैम्पियन खेलने के लिए मैदान पर उतर आयें | विश्व हेविवेट के फायनल मैच में उन्होंने सोनी लिस्टन को मात दी,और विश्व चैम्पियन का ख़िताब हासिल किया ये बहुत ही रोमांचक मुकाबले के बाद मिली जीत थी|
इसके बाद भी इन्होने दो बार और वर्ल्ड हेविवेट चैम्पियन का ख़िताब जीता और विश्व में ये मुकाम हासिल करने वाले मोहम्मद अली इकलोते खिलाडी है,मोहम्मद अली एक अश्वेत व्यक्ति थे,एक बार हुए किसी अपमान और अश्वेतों के साथ हो रहें विवादों के खिलाफ सामाजिक संगठन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया और ,इसी संगठन “नेशन ओफ इस्लाम” के साथ रहेतें हुए ही मोहम्मद अली ने इस्लाम क़ुबूल किया और अपने “दास” नाम को बदल कर “मुहम्मद अली” कर लिया|
मुहम्मद अली ने अपनी जिंदगी बखूबी निभाई और उन्होंने अच्छे खिलाड़ी होने के साथ साथ अच्छे इन्सान होने का भी सबूत दिया,और भेदभाव और उंच नीच के खिलाफ लड़ते रहें यही वजह रही की एक खिलाड़ी और एक सामाजिक काम करने वाले बोक्सर की मृत्यु 3 जून 2014 को हुई लेकिन दुनिया उन्हें आज भी याद करती है और इस “बॉक्सर” को हमेशा याद किया जाता रहेगा|
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