अर्थव्यवस्था की ग्रोथ ठीक नहीं दिख रही है. इंडस्ट्री की रफ्तार धीमी पड़ गई है. रिटेल महंगाई नवंबर में 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 4.88% पर पहुंच गई. जबकि विश्लेषकों ने इसके 4.20% रहने की संभावना जताई थी. रीटेल मंहगाई अक्टूबर में 3.58% थी. खास तौर से फूड और फ्यूल प्रॉडक्ट्स की कीमतें बढ़ने से इन आंकड़ों पर असर पड़ा है. एक और चिंता की बात है देश के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण आईआईपी ग्रोथ अक्टूबर में घटकर 2.2% रह गई जो सितंबर में 3.8% थी.
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय -सीएसओ- द्वारा मंगलवार को जारी सीपीआई आंकड़ों के मुताबिक बीते नवंबर में गरीब-अमीर, सभी के रोजमर्रा उपयोग की वस्तुओं में तीव्र इजाफा हुआ. इस महीने सब्जी की कीमतें शहरों में 30.42 फीसदी बढ़ी जबकि गांवों में भी 18.48 फीसदी बढ़ी. यदि गांवों एवं शहरों के संयुक्त महंगाई दर को देखें तो कुल मिला कर नवंबर में सब्जी 22.48 फीसदी महंगी हुई. प्रोटीन का सस्ता स्रोत अंडा शहरों में 9.40 फीसदी महंगा हो गया. शहर एवं गांवों के संयुक्त आंकड़ों को देखें तो अंडा 7.95 फीसदी महंगा हुआ. इस महीने फलों की कीमतें भी 6.19 फीसदी चढ़ गई तथा चीनी एवं अन्य कंफेक्शनरी सामान भी 7.80 फीसदी महंगे हो गए.
हालांकि दालों की कीमतें में कमी दर्ज की गई, जिसके चलते इस सेगमेंट में सालाना आधार पर महंगाई में 23.53 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. पूरे फूड सेगमेंट की बात करें तो इसमें नवंबर के दौरान महंगाई 4.42 परसेंट बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 1.9 परसेंट रहा था.