अभी कुछ सप्ताह पहले की ही खबर थी कि अपने आपको ब्रिटेन के राष्ट्रवादी कहलाने वाले Britain First के दो पदाधिकारियों, पॉल गोल्डिंग और जेड़ा फ्रांसेन को ब्रिटेन में नस्लीय दंगे फ़ैलाने, सोशल मीडिया पर हेट स्पीच, और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में क्रमश: 18 सप्ताह और 36 सप्ताह की सज़ा सुनाई गयी थी :-
साथ ही इस नफरती संगठन ब्रिटेन फर्स्ट के फेसबुक पेज को ब्लॉक करने के साथ साथ इन पदाधिकारियों की आइडीज़ भी ब्लॉक कर दी गयीं थीं, इसमें जेड़ा फ्रांसेन सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम औरतों के सरों पर से हिजाब खींचने के वीडिओज़ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया करती थी.
ब्रिटेन में मुसलमानो, शरणार्थियों के साथ की जाने वाली इस तरह की हरकतों से वहां के लोगों में आक्रोश था जो कि 17 मार्च को एक विशाल विरोध प्रदर्शन के रूप में लंदन की सड़कों पर फूट पड़ा.
इस आक्रोश की एक बड़ी वजह मरियम मुस्तुफा की मौत भी रही, मिश्र की 19 वर्षीय स्टूडेंट मरियम मुस्तुफा इसी हेट क्राइम का शिकार बनी थी, जिसने नस्लीय हमले में घायल होने के बाद 24 दिन कोमा रहने के बाद 16 मार्च को अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
हर मज़हब, हर देश हर रंग के लोग बर्फ जमा देने वाली ठण्ड में लंदन के ऑक्सफ़ोर्ड सर्कस मैदान में जमा हुए, उनके हाथों में ‘अपने हाथ हिजाब से दूर रखो’, ‘शरणार्थियों का स्वागत है’ और ‘इस्लामोफोबिया को ना’, जैसे बैनर लिए ब्रिटेन में बढ़ती नस्लीय और सांप्रदायिक हिंसा, सोशल मीडिया के ज़रिये हेट स्पीच और मुसलमानो के खिलाफ हेट क्राइम्स के खिलाफ जंगी विरोध प्रदर्शन किया.
Source :- aljazeera , बीबीसी
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