चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत को मालदीव में हस्तक्षेप करने को लेकर चेताते हुए, कहा है कि देश के राजनीतिक संकट में बाहरी हस्तक्षेप से स्थिति और जटिल होगी.
चीन का यह बयान ऐसे समय आया, जब एक दिन पहले मंगलवार को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने देश में गहराते संकट के बीच भारतीय सेना से हस्तक्षेप का आग्रह किया था.
चीन अपने ऊपर लग रहे उन आरोपों को भी ख़ारिज किया है कि वह मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का समर्थन कर रहा है. उसने कहा कि, बीजिंग दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति का पालन करता है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि, मालदीव में मौजूदा स्थिति उसका आंतरिक मामला है और इसे संबंधित पक्षों को बातचीत कर और आपसी संपर्क से समुचित तरीके से सुलझाना चाहिए.
गेंग शुआंग ने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मालदीव में कार्रवाई करने के बजाए देश की संप्रभुता का सम्मान कर सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए और इस पर कार्रवाई करने से मौजूदा स्थिति ओर भी जटिल हो सकती है.
ज्ञात रहे कि, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को नई दिल्ली से मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप का आग्रह किया था. भारत के करीबी नशीद को 2012 में साजिश के तहत सत्ता से बेदखल कर दिया गया था.
पूरे घटनाक्रम के बाद भारत ने अपने तल्ख बयान में कहा था कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा देश में आपातकाल लगाना और देश के प्रधान न्यायाधीश व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम को गिरफ्तार करना काफी परेशान करने वाला कदम है.
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