गुस्सा थूंको , और सुनो मेरी बात । आखिर jnu में हर बार लेफ्ट क्यों जीतते हैं ? क्योंकि वहां दाखिला परीक्षा के आधार पर होता है , और सुपठित – सुचिंतित लड़के एडमिशन पा जाते हैं ।
वे लड़के सुपठित इसलिए होते हैं , क्योंकि उन्होंने वास्तविक इतिहास पढा होता है । वे जानते हैं कि फ़िरोज़ गांधी मुस्लिम नहीं , अपितु पारसी था । वह गलत जवाब नहीं लिखते कि ताजमहल पहले तेजोमहालय नामक मन्दिर था ।
समुद्र के बीच की चट्टानों को वे एक भौगोलिक गतिविधि मानते हैं , न कि राम सेतु।। उन्हें विदित है कि बारिश इंद्र देव की कृपा से नहीं अपितु समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से होती है ।
ऐ भतीजे , इतिहास , भूगोल , खगोल , भौतिकी को मिथकों के नहीं अपितु तर्क और तथ्य की कसौटी पर कसना सीख । खूब पढ़ , लिख और jnu में अपनी तादाद बढा , फिर वहां भगवा झंडा फहरा बिंदास ।
देख कन्हैया कुमार को अंतरराष्ट्रीय राजनीति की कैसी सांगो पांग जानकारी है ।और एक तू है , जो मक्का की मस्जिद को हनुमान मंदिर बताता । तू इतना बड़ा हो गया फिर भी बच्चों जितना आई क्यू रखता । सिर्फ तेरी नाक बहना बंद हुई , अन्यथा तेरा बौद्धिक स्तर अभी तक नर्सरी के बच्चे जितना है । क्योंकि धूर्त सत्ता पिपासु ने तेरी मत भरमा दी ।
आखिर क्या तू अपढ़ – उजड्ड रह कर देशद्रोही कन्हैया से लड़ेगा ? काबिल बन मेरे प्यारे बच्चे , और भविष्य की लहरों पर सवारी गांठ ।
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