पूर्व जज लोया की मौत को लेकर राजनीति हलचल तेज हो गई है. आज कांग्रेस समेत विपक्ष की सभी पार्टियों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग की है.
राहुल गांधी ने कहा कि, ”15 दलों के 114 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. जज लोया की मौत का मामला संदेहजनक नजर आता है. दो और भी मौतें संदिग्ध हालात में हुई हैं. इस मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संतोषजनक प्रतिक्रिया दी है.”
उन्होंने आगे कहा कि, ” संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर कई सांसदों की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए.”
We met the President over Judge Loya's death. Many MPs are of the opinion that there should be an investigation over Judge Loya’s death: Congress President Rahul Gandhi pic.twitter.com/vWGzg6Gjzg
— Congress (@INCIndia) February 9, 2018
ज्ञात रहे कि, सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हार्टअटैक से हुई थी. वो सोहराबउद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे. लोया की बहन ने उनकी मौत पर शक जताया था. हालांकि, उनके बेटे ने पिता की मौत को ‘नैचुरल डैथ’ करार दिया था.
उधर सुप्रीम कोर्ट में भी शुक्रवार को जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने जनहित याचिका को ‘मोटिवेटेड’ है.
सुनावाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि, “जब चार जजों ने बयान दे दिए हैं तो या तो कोर्ट उन पर भरोसा करे या फिर कहे कि वो झूठ बोल रहे हैं.”
जज लोया की मौत पर कई याचिकाएं दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है.
वही, पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने भी कहा था कि, “जज लोया की बॉडी को मुंबई की जगह दूसरे जगह क्यों ले जाया गया जबकि पूरा परिवार मुम्बई में था. ईसीजी इस लिए नहीं हो पाई की मशीन खराब थी, ऐसे में बयान अपने आप में विरोधाभासी है.”