अक्सर हमसे पूछा जाता है कि आपने ये स्टोरी की मगर वो स्टोरी नहीं की। हम सारी स्टोरी तो कर नहीं सकते और क्यों सारी स्टोरी करेंगे? और अख़बार हैं, और भी पत्रकार हैं।
क्या आई टी सेल से पूछा जा सकता है कि वो जज लोया की रिपोर्ट शेयर क्यों नहीं करता है? आप क्यों नहीं करते हैं ? पत्रकार क्यों नहीं करते हैं ? एक बार शेयर करके देखिए लोग पाँच मिनट के लिए मान जाएंगे कि आई टी सेल देशभक्त है।
कारवाँ पत्रिका 17 नवंबर से जज लोया की मौत पर सवाल उठाने वाली रिपोर्ट छापे जा रहा है। ये सारी रिपोर्ट लंबी हैं और हिन्दी में भी हैं। नई रिपोर्ट से पता चलता है कि सबूतों को लेकर क्या खेल चल रहा है।
कारवाँ की रिपोर्ट को ग़लत ठहराने के लिए एक ईसीजी रिपोर्ट पेश की गई थी।इस रिपोर्ट में तारीख भी ग़लत थी। सुप्रीम कोर्ट में जो दस्तावेज़ पेश किए गए हैं उसमें कहा गया है कि दांडे अस्पताल की ईसीजी मशीन टूटी हुई थी। वहां ईसीजी नहीं हुई थी।
अब सवाल यह है कि माडिया में आने के बाद क्या इस ख़बर को मैनेज करने के लिए फ़र्ज़ी ईसीजी रिपोर्ट मीडिया को जारी की गई? इस खेल में मंत्री लेवल का कौन कौन शामिल था? सुप्रीम कोर्ट को पहले इस तथ्य पर एक्शन लेना चाहिए ।
एक जज की मौत पर ऐसा भी हो सकता है!
आप इस रिपोर्ट को लोगों तक पहुंचा दें मगर उससे पहले इस रिपोर्ट को और इस पर छपी सभी रिपोर्ट को गंभीरता से पढ़ें ।
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