क्या आपको "अरावली पर्वत की पहाड़ियाँ" गायब होने से कोई फर्क पड़ा?

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अरावली पहाड़ियां विलुप्त होने से SC हैरान, ‘क्या लोग हनुमान बन गए जो पहाड़ियां लेकर भाग रहे? यह बात सुप्रीम कोर्ट ने बोली है अरावली की पहाड़ियों पर अवैध खनन से जुड़े केस में. क्या आपको कोई फर्क पड़ा कि अरावली की पहाड़ी गायब हो गयी.
नही पड़ा, पता है क्यो, क्योकि आपकी धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय भावना तथा आस्था एक राजनीतिक मंच की गुलाम है. यदि सरकार दूसरी पार्टी की होती तो एक राजनीतिक मंच, धर्म तथा राष्ट्र के कॉन्सेप्ट को दिमाग मे भरकर आपसे बोला जाता कि देखी ” मां भारती के अंगो का सौदा किया जा रहा है और मां भारती का शेर सो रहा है”.
तो आप 1 टाइम का खाना छोड़ सड़क पर इसकी उसकी करने निकल जाते, आपके लिए यह सामाजिक भावना आस्था जीने मरने की बात हो जाती, आप शादी नही करते, आप खाना आबादी नही करते आप डांस नही करते आप रोमांस नही, आपसे कुछ होता ही नही कही टेंट लगाकर भूखे मर रहे होते इस उम्मीद में कई सरकार सुनलेगी. आपकी बंदर उछाल और किराणति का लाभ पार्टी सत्ता में आजाती और आपके बालको को क्या मिलता???

इसलिए दिल्ली में विदेश से आये एक स्कॉलर से जब किसी ने पूछा कि धर्म अफीम है तो वो बोले धर्म अफीम नही है, इसका इस्तेमाल अफीम की तरह किया जा रहा है और आजकल तो राष्ट्रवाद और मातृप्रेम का भी यही हाल कर रखा है.
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