पद्मावत में कुछ भी आपत्तिजनक न होने के बावजूद उसे बैन कराने पर अड़ी करणी सेना ने अब यू-टर्न ले लिया है. इतना ही नहीं, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां यह फिल्म बैन है, वहां इसे रिलीज कराने में मदद करने की बात भी करणी सेना कह रही है.
दरअसल शुक्रवार को करणी सेना के मुंबई अध्यक्ष योगेंद्र सिंह समेत अन्य लोगों ने फिल्म देखी और पाया कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. यह राजपूतों की वीरता और बलिदान को महिमामंडित करती है और हर राजपूत को इसपर गर्व होगा. इसके बाद उन्होंने अपना विरोध वापस लेने का फैसला किया है. योगेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह के निर्देशों के बाद यह फैसला लिया गया है. इस बारे में योगेंद्र सिंह ने एक चिट्ठी भी लिखी है.
इस चिट्टी में कहा गया है, ‘हमने 2 फरवरी को पद्मावत देखी है. इसमें राजपूतों की वीरता और त्याग का सुंदर चित्रण है. यह फिल्म रानी पद्मावती की महानता को समर्पित है. इसमें रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई सीन नहीं है. हम इस फिल्म से पूर्णत: संतुष्ट हैं, इसलिए हम आंदोलन को बिना शर्त वापस लेते हैं और आश्वासन देते हैं कि इस फिल्म को राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और भारत के सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने में सहायता करेंगे.