अब मुझे पक्का यकीन हो चला है कि यस बैंक भी डूबने वाला है। कल स्टेट बैंक आफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यस बैंक को लेकर बड़ा बयान दिया कि यस बैंक को डूबने नहीं दिया जाएगा। यही रजनीश कुमार थे जो कुछ महीने पहले जेट एयरवेज के बारे में ठीक यही बात कह रहे थे, कि जेट एयरवेज को डूबने नही दिया जाएगा। जेट एयरवेज का क्या हाल हुआ हम सबने देखा।
रजनीश कुमार जी, जो बोलते हैं हमे ठीक उसका उल्टा समझना चाहिए। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह भी कहा था, कि मार्च तक एनपीए में सुधार देखने को मिलेगा। इस बयान के बाद RBI की रिपोर्ट आई जिसमे बिल्कुल उलट बात की गई, आरबीआई ने कहा कि ‘व्यापक आर्थिक परिदृश्य में मौजूद चुनौतियों, फंसे कर्जों में बढ़ोतरी और कर्ज बढ़ोतरी में सुस्ती के मद्देनजर बैंकों का सकल एनपीए अनुपात बढ़कर 9.9 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकता है।’
SBI chairman Mr. Rajnish Kumar expressing his views on #yesbank when asked by Bloomberg correspondent whether Yes Bank will be allowed to fail.
His response was quite positive and there were no follow-up questions whatsoever by the interviewer who wasn't expecting this +ve reply pic.twitter.com/JDhG7TtHZ4
— StockTalk (@stocktalk_in) January 23, 2020
प्राइवेट बैंको में बैड लोन की समस्या यस बैंक में सबसे प्रबल है। बैंक का 36 फीसदी कैपिटल बैड लोन में फंसा हुआ है। यस बैंक भी एनपीए के ‘टाइम बम’ पर बैठे हुए नजर आ रहा हैं। ओर यह टाईम बम मार्च से पहले ही फट सकता है।
यस बैंक की मार्केट वैल्यू 80 फीसदी तक गिर चुकी है। पिछले 1 साल में बैंक का शेयर 80 फीसदी लुढ़क गया है। यह गिरकर 40 रुपये के करीब आ गया है। यस बैंक की जैसी हालत हो चुकी है, इसका स्वतंत्र तौर पर चल पाना मुश्किल है। इसे बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
#yesbank Chart Analysis (24-Jan) [1/5]:
1) Mon, 27-Jan will be an extremely important day for #yesbank
2) Since the last 9 months (from May'19) for 183 trading days, the chart has shown one very important pattern i.e the price has not shown 3 consecutive green candles 👇 pic.twitter.com/aX2KdQaqSm
— StockTalk (@stocktalk_in) January 24, 2020
यस बैंक की इस हालत का एक बड़ा जिम्मेदार इंडिया बुल्स है, यस बैंक के कुल नेटवर्थ का एक चौथाई इंडियाबुल्स समूह में फंसा हुआ है। यस बैंक का कुल नेटवर्थ करीब 27,000 करोड़ रुपये है। यस बैंक के इसमें 6,040 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं।
वैसे तो इंडियाबुल्स समूह में निजी और सरकारी बैंकों का करीब 27,580 करोड़ रुपये फंसा हुआ है। लेकिन यस बैंक के साथ इंडिया बुल्स के रिश्ते कुछ ज्यादा ही प्रांगढ़ हैं, 2009 से 2019 तक यस बैंक ने इंडियाबुल्स को लोन दिया। इसके अलावा 14 कंपनियों को 5,698 करोड़ का लोन दिया गया। इनमें से कई कंपनियों की नेटवर्थ निगेटिव थी। कई कंपनियों का कोई कारोबार ही नहीं था। इसके साथा ही इंडियाबुल्स ने यस बैंक के पूर्व प्रवर्तक राणा कपूर और राणा कपूर के परिवार से जुड़ी 7 कंपनियों को 2,034 करोड़ का लोन दिया। इन 7 कंपनियों ने रिटर्न तक फाइल नहीं किया। इन सब मामलों को देखते हुए यस बैंक बोर्ड की ऑडिट कमिटी के हेड उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने कुछ दिनों पहले इस्तीफा दे दिया।
ऐसे समय में जब देश का फाइनेंशियल सिस्टम बैड लोन की समस्या से लगातार जूझ रहा है। ऐसे में यस बैंक की अगर कोई नकारात्मक खबर आती है, तो उसका मार्केट पर बहुत बुरा असर होगा…..