इंदौर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के मौके पर उमड़ी भीड़ के बाद 30 मार्च 2021 को मंदिर के नीचे स्थित बावड़ी की छत ढह जाने के कारण कई लोग कुएं में गिर गए थे। जिससे बड़ी जनहानी हुई है। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक 35 लोगों की मृत्यु की खबर है। गुजराती समाज के अध्यक्ष कीर्ति भाई पटेल कहते हैं कि हमने रस्सी डाल रखी थी जिसे 7 लोगों ने पकड़ा हुआ था पर जब पुलिस आई तो हमें डंडे मार कर निकाल दिया। – CM राजनीति वाली बात पर आए थे विरोध के बाद चले गए। ज्ञात होकि इस घटना में गुजराती समाज के 11 लोगों की मृत्यु हुई है।
एक गहरे, सार्वजनिक कुएं सहित पास की 1500 वर्ग फीट पार्क कि जमीन पर कथित अतिक्रमण कर मंदिर बनाया गया। कुएं के उपर सलैप डाल कर वही मंदिर खड़ा किया गया। कल पूजा के दौरान वही सलैप धस गई जिसमें अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
पटेल नगर के लोगों ने बताया कि लगभग 20 साल पहले अतिक्रमण का विरोध करने पर कांति पटेल / मुन्ना वर्मा के साथ मार पीट कर सर फोड़ दिया गया था। इसकी FIR इंदौर के जूनी थाने में दर्ज़ की गई थी। लेकिन BJP के तत्कालीन पार्षद सेवाराम गालानी ने इस अतिक्रमण को कथित नहीं हटाने दिया था।
मई 2022 में इंदौर में बगीचों पर किए गए अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरु की गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि इसपर भी कार्यवाही होगी लेकिन पार्षद से लेकर सांसद (बीजेपी के) तक ने ज़ोर लगा कर कथित कार्रवाई नहीं होने दी जिसका खमियाज़ा आज 35 लोगों ने जान गवा कर चुकाया।
पिछले साल स्नेह नगर के रहवासियों ने नगर निगम से शिकायत कि थी कि पार्क पर मंदिर के बगल में अमृत गोल्ड के नाम से नया निर्माण किया जा रहा है। इस पर नगर निगम ने मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गालानी से पक्ष सुना और 30 जनवरी, 2023 को बताया कि यह अतिक्रमण है पर कार्यवाही नहीं की
इलाके के वर्तमान BJP पार्षद मृदुल अग्रवाल ने बावड़ी और अवैध अतिक्रमण की शिकायत नगर निगम को किए जानें की बात स्वीकार की। “उस पर कार्रवाई भी चल रही है। नगर निगम ने नोटिस भी जारी किए गए हैं। पर तब हटाने की ज़रूरत नहीं लग रही थी।”
गुस्साए नागरिकों ने कहा कि यदि कलेक्टर और मुख्यमंत्री सही मंशा से इस हादसे की जांच कराए तो सारी बातें सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बात पूछी जानी चाहिए कि बावड़ी पर किए गए अतिक्रमण के लिए कौन (अधिकारी / जनप्रतिनिधि) जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बावड़ी और पार्क की ज़मीन पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के खिलाफ़ रहवासियों की शिकायत पर इंदौर नगर निगम ट्रस्ट से जवाब तलब किया। जवाब में ट्रस्ट ने कहा, “… हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं भड़क जाएगी। और अशांति फैल सकती है।”
लगभग 9 महीने बाद इंदौर नगर निगम ने उनके जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आतिकर्मण है। आप का ज़वाब आधारहीन है और अस्वीकार किया जाता है। निगम ने कहा 7 दिनों के अंदर हटाए वरना नगर निगम द्वारा नगर निगम द्वारा हटाया जाएगा। पर नगर निगम ने 3 महीने बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया।
अब जब इतना बड़ा हादसा हो चुका है, और इस घटना की मुख्य वजह सामने निकल कर आ रही है। ऐसे में देखना ये है कि क्या इस प्राचीन बावड़ी को क़ब्ज़े से मुक्त कराया जाता है या नहीं।