भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार ले. नासिर खान जंजुआ ने गुप्त बैठक की है. ये बैठक 26 दिसंबर को बैंकॉक में हुई थी.
पुलवामा में CRPF कैंप पर अटैक ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के थाईलैंड में गोपनीय तरीके से मिलने की रिपोर्ट सामने आई है. कांग्रेस ने पुलवामा अटैक को मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता का संकेत बताया है.
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात पर कोई बयान जारी नहीं किया है. ञात रहे, इसके ठीक एक दिन पहले कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी उनसे मिलने पाकिस्तान गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक ये बैठक पहले से तय था. इसका कुलभूषण जाधव की मुलाकात से कोई लेना देना नहीं है. एनएसए कार्यालय के सूत्र के मुताबिक इस बैठक से पहले दोनों देशों के विदेश विभाग के अधिकारियों को भी विश्वास में रखा गया था. पाकिस्तानी सेना को भी इस बैठक की जानकारी दी गई थी. इसीलिए पाकिस्तान सेना ने कहा था कि, दोनों देश बातचीत से मशला हल करें.
दो घंटे से अधिक चली इस बैठक अजीत डोभाल ने सीजफायर का मुद्दा उठाया. इस साल 820 से अधिक सीजफायर पाकिस्तान की ओर से किए गए हैं. साथ ही पाक सेना की मदद से आतंकी लागातार घुसपैठ कर रहे हैं. इसमें कुल 31 भारतीय सैनिक मारे गए हैं.
मिडिया में आयी खबरों के मुताबिक गुरूवार को ले. जंजुआ पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफे से मिलने गए थे. दोनों के बीच पांच घंटे से अधिक बातचीत चली. जहां पाकिस्तान की सुरक्षा और बॉर्डर से संबंधित गतिविधियों पर चर्चा हुई है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन में छपी खबर के मुताबिक, “पीएमएल नवाज गुट के एक नेता ने कहा कि दोनों के बीच बैठक हुई है. इसमें बॉर्डर पर तनाव कैसे खत्म किया जाए, इसपर बातचीत हुई है. क्योंकि इस समस्या का हल लड़ाई में नहीं, बल्कि बातचीत से ही संभव है.”
इससे पहले 18 दिसंबर को पाक सुरक्षा सलाहकार जंजुआ ने कहा था कि, “दक्षिण एशिया के हालात नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. केवल एक गलत फैसला एशियाई महाद्वीप को खतरे में डाल सकता है.”
आपको ज्ञात रहे कि, दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 2015 में भी मिले थे. इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौंकाने वाले अंदाज में लाहौर पहुंचे थे.
रक्षा मामलों के जानकार ब्रह्म चेलानी का कहना है कि जब से मोदी पाकिस्तान गए, पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के शिविरों पर हमले बढ़ा दिए. उनका मानना है कि मोदी की पाकिस्तान नीति दिशाहीन बनी हुई है
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