क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और राज्यसभा के मनोनीत सांसद सचिन तेंदुलकर ने आज संसद में पहली बार बहस में हिस्सा लिया.
लेकिन सचिन की ये शुरुवात अच्छी नहीं रही, विपक्ष के हंगामा करने के कारण वह अपनी बात सदन में नहीं रख पाए. विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
2012 में सांसद मनोनीत होने के बाद सचिन की राज्यसभा में ये पहला भाषण था. सचिन अपने भाषण की शुरुआत करने ही वाले थे कि विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष लगातार मनमोहन सिंह के मुद्दे पर हंगामा कर रहा है. सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ राज्यसभा पहुंचे थे.
विपक्ष के हंगामे के बीच सभापति वेंकैया नायडू ने लगातार विपक्ष से अपील की, जो व्यक्ति बोल रहा है वह भारत रत्न है, इसे पूरा देश देख रहा है. प्लीज़ शांत हो जाइए. गौरतलब है कि इससे पहले सचिन को राज्यसभा में उनकी गैर मौजूदगी पर भी सवाल उठते रहे हैं.
जया ने कांग्रेस के रवैये पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी नेता जया बच्चन ने सचिन के भाषण के दौरान कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जिसने देश का नाम कमाया, उसे ही बोलने नहीं दिया गया. क्या स्पोर्ट्सपर्सन और आर्टिस्ट को सदन में बोलने नहीं दिया जाएगा. मुझे ऐसा लगता है कि सचिन इसको लेकर अपसेट हैं, कांग्रेस को सचिन को सदन में बोलने देना चाहिए था.
किस मुद्दे पर था भाषण
बहस के दौरान सचिन देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर अपने विचार रखने थे. इसके अलावा सचिन इस बात पर भी अपनी आवाज़ उठा सकते हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है. सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने की भी बात करनी थी.