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गौ रक्षा के नाम पर इंसान से भेड़िये तक का सफर

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आज भारत बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है, एक ऐसे डर के माहौल में जी रहा है जो असल मे घुट घुट कर मरना ही है । गौ पालक आज गाय पालने से डर रहे है, पता नही कब कोई भेड़ियो का समूह गौ रक्षक के रैप में आ जाए और बिना सच जाने, बिना कुछ पूछे, गौ पालक को बेरहमी से मौत के घाट उतार दे ।
गौ रक्षकों का ये भद्दा स्वरूप पिछले 3 सालों में सबसे अधिक उभर कर सामने आया है, प्रति दिन देश के किसी न किसी हिस्से से अब ये खबर आने लगी है कि गौ रक्षकों के समूह ने एक व्यक्ति को पिट पिट कर मार डाला ।
गौ पालक जो कि गायो का पालन करते है, उन्हें चारा देते है, उनका दूध दोहन करते है और अपनी आजीविका चलाते है, आज डर के साए में जी रहे है, आज ऐसा डर का माहौल बन गया है कि लोग गौ पालन से कतराने लगे है ।
गौ रक्षक – स्वयं को गौ रक्षक कहने वाले ये लोग, लोगो को शक के बिनाह पर मौत के घाट उतार देते है, एक बार सामने वाले से पूछते तक नही की इन गायो का क्या करोगे, इन्हें कहा ले जा रहे हो, और ये घटना तब और ज्यादा भयावह और आम हो जाती है जब जोड़ी गाय-मुसलमान की बन जाती है । अगर कोई गौ पालक मुस्लिम होता है तो ये तथाकथित गौ रक्षक उसकी एक बार नही सुनते की असल मे इन गायो का किया क्या जाएगा, इन्हें कहा और क्यो ले जाया जा रहा है ।
पिछले साल गुजरात से एक भयावह घटना सामने आई थी जिसमे दलितों को गाड़ी से बांध कर उनकी बर्बर पिटाई की गई थी, उन्हें बुरी तरह से मारा गया गौ रक्षक के द्वारा ।
उत्तरप्रदेश में भी तथाकथित गौ रक्षकों ने अखलाक के घर मे बीफ होने के शक में उसे तब तक मारा जब तक उसने अपना जीवन त्याग नही दिया, बर्बरता को चरम पर ले जाने का काम ये तथाकथित गौ रक्षक कर रहे है ।

राजस्थान में पहलू खान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, वो भेस खरीदने गया था, पर जब जाना कि गाय सस्ती भी है, दूध भी दे रही है तो क्यो न गाय खरीद ली जाए और असल मे उसके जीवन की सबसे बड़ी गलती भी यही साबित हुई, उसका ट्रक ड्राइवर अर्जुन था, जिसे भेड़िये ( गौ रक्षक ) ने 2 चाटे मार कर छोड़ दिया पर पहलू खान को मार मार कर मार ही डाला ।

अभी का ही एक भयाव, निर्दय दृश्य था कि बीफ बैन के विरोध में युथ कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गायो को चौराहे पर काट दिया, लहू लुहान कर दिया गया सड़क को, गाय को मात्र राजनीति के पटल पर समेट कर रख दिया गया ।

ये सब वो घटनाए है जिन्हें मीडिया ने तूल दी और जोरो शोरो से उठाया, असल मे आज ऐसी घटनाएं बहोत आम है और भारत के हर कोने, कस्बे, गाव, पिंड, हल्का में प्रतिदिन हो रही है जिन पर शायद कभी हमारी नजर नही जाएगी, वो किसी लेख का हिस्सा नही बन पाएगी ।
इंसान गौ रक्षा के नाम पर आज हत्या करने पर उतारू हो गए है, मनुष्य कब भेड़िया बन गया मालूम ही नही चला, किसी के जीवन का कोई मूल्य ही नही रहा । 15-20 लोगो का समूह आता है मार कर चला जाता है और उनकी तो कड़ी निंदा भी नही की जाती । सभ्य समाज, सभ्य समाज का ढिंढोरा पीटने वाले ये क्यो भूल जाते है या जानभूज कर आंखे फेर लेते है कि इंसान आज स्वयं को गौ रक्षा के नाम पर भेड़िया बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा हो चला है ।
गौ रक्षा के नाम पर लोगो को मारना जितना गलत है उतना ही गलत बीफ बैन का विरोध करने के लिए गायो को बीच चौराहे पर काटना है, इंसान आज इतना उग्र और क्रूर हो गया है कि उसे इंसान कहना भी गलत सा लगता है, जीवन का मूल्य ही भुला दिया गया है ।
किसी भी सभ्य समाज मे ऐसे लोगो को मनुष्य का दर्जा तो नही दिया जा सकता, इन्हें भेडियो की संधि जरूर दी जा सकती है ।