मोदी सरकार की पिछले दिनों आयी, जीडीपी ग्रोथ को लेकर सरकार के बड़े बड़े मंत्री आगे भी इसको बढ़ने के अनुमान लगा रहे थे और खुब वा! वाही लुटने का प्रयास कर ही रहे थे पर इस पर ग्रहण लगाते हुए ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत का ग्रोथ अनुमान घटा दिया है और मोदी सरकार के ग्रोथ के मोर्चे को करारा झटका लगा दिया है.
फिच ने वित्त वर्ष 2017-18 में ग्रोथ का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा फिच ने साल 2019 में ग्रोथ का अनुमान 7.4 फीसदी के बजाए 7.3 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है. हाल में आए दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से भी फिच खुश नहीं है.
एजेंसी ने कहा है कि हाल ही कि तिमाहियों में वृद्धि दर बार-बार निराश करने वाली रही है. एजेंसी का मानना है कि इसके लिए मुख्य रूप से नवंबर 2016 में घोषित नोटबंदी और 1 जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी दिक्कतें जिम्मेदार हैं. एजेंसी ने भारत सरकार के रिफॉर्म्स के कदमों की सराहना की है.
तीन एजेंसियों ने आकड़े जारी किये
फिच के अलावा एस. एंड पी. और मूडीज ही दुनियाभर में देशों की आर्थिक स्थिति का आकलन करके अपने अनुमान जारी करती हैं. पिछले महीने मूडीज द्वारा 14 साल के बाद देश की अर्थव्यवस्था की आऊटलुक को पॉजीटिव किए जाने के बाद मोदी सरकार को राहत मिली थी लेकिन इसके बाद 25 नवम्बर को आए एस. एंड पी. के अनुमान में भारत की अर्थव्यवस्था के आऊटलुक को स्थिर रखा गया, जबकि फिच ने भी भारत का जी.डी.पी. अनुमान घटाया है. इसे भारत के लिए झटका माना जा रहा है.
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