पहली बार टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाला भारतीय

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भारत देश के संदर्भ में अगर खेलकूद और स्पोर्ट्स की बात की जाए तो लोगों का सबसे फेवरेट और लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। इसे यहां पहली बार 1984 में खेला गया था। अपने 157 साल के इतिहास में क्रिकेट ने कई हजार मैच और प्लेयर देखे हैं। मगर 1950 के बाद से कुछ ऐसे स्टार प्लेयर आए जिन्हें आज तक क्रिकेट की दुनिया में उनकी शानदार करियर के लिए याद किया जाता है।

ऐसे ही एक महान क्रिकेट प्लेयर हैं भारत के “लिटिल मास्टर” सुनील गावस्कर। उन्होंने अपने जीवन में लगभग 100 से ज्यादा मैच खेले है और 15,000 से अधिक रन बनाए है। जीवन के 72 साल पूरे करने वाले सुनील का 10 जुलाई को जन्मदिन है। ऐसे में उनके इतिहासकारी जीवन पर एक नजर डालना जरूरी है।

क्रिकेट खेलने की जगह मछली पकड़ रहे होते लिटिल मास्टर।

सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 में हुआ था,मराठी भाषी घर में जन्म लेने वाले सनी आज शायद एक मछुआरे होते, असल में उनके जन्म के वक्त उन्हें किसी और बच्चे से बदल दिया गया था। सुनील के अपने चाचा ने उनके जन्म के अगले दिन ही पाया की जो बच्चा उनके परिजनों के पास हॉस्पिटल में था वो उनका सुनील नहीं था।

फिर ढूंढते ढूंढते चाचा जी ने पाया की नवजात सनी एक मछुआरे के पास चैन से सो रहा था। अगर उस दिन सुनील के चाचा ने नहीं पहचाना होता,तो आज शायद वो अरब सागर में मछली पकड़ रहे होते।

टेस्ट मैच की चारों पारियों में दोहरा शतक लगाने वाले इकलौते प्लेयर हैं सुनील गावस्कर

लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने अपने जीवन में क्रिकेट के कई रिकॉर्ड कायम किए हैं। वह एक मात्र ऐसे प्लेयर थे जिन्होंने जो भी रिकॉर्ड बनाएं हैं उसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया।

1971 में सनी ने अपना पहला डेब्यु टेस्ट मैच खेला था। वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मैच में गावस्कर ने पांच मैचों की सीरीज में कुल 774 रन बनाए थे, जिसमें 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल थे। डेब्यू मैच में इतनी बेहतरीन पारी खेलने वाले वह एकमात्र थे और हैं। उनका यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है।

गावस्कर ने अपने टेस्ट कैरियर में कुल 4 बार दोहरे शतक लगाएं है। यह सारे उन्होंने टेस्ट की चारों पारियों में लगाए हैं। 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली पारी में, 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरी पारी में, 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरी पारी हैं और 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में दोहरे शतक मार कर उन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया था। इसे भी तोड़ने वाला कोई नहीं हुआ आज तक।

सनी ने 2 अलग-अलग जगहों पर लगातार 4 बेहतरीन सेंचुरी लगाकर एक और अनोखा विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। यह सभी उन्होंने वानखड़े स्टेडियम और पोर्ट ऑफ स्पेन में लगाए थे।

आज भी हैं क्रिकेट के लिए समर्पित

सुनील गावस्कर ने एक प्लेयर के रूप में क्रिकेट से 1987 में ही रिटायरमेंट ले ली थी। लेकिन उसके बाद से आज 2021 तक भी उनका क्रिकेट के लिए प्यार जरा भी कम नहीं हुआ है।

आज वह कई सारे मैचों में कमेंट्री करते हैं साथ ही मैच रिव्यू भी करते हैं। उन्होंने क्रिकेट के ऊपर कई किताबें लिख डाली है, जैसे, सनी डेज, आइडियल्स, रंस एंड रूइंस, वन डे वंडर्स, आदि।

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