फ़ेसबुक की अंखी दास पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में FIR दर्ज

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फेसबुक की भारत में पॉलिसी प्रमुख अंखी दास के खिलाफ़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धार्मिक उन्माद भड़काने व अन्य धाराओं पर FIR दर्ज की गई है। यह शिकायत पत्रकार आवेश तिवारी ने दर्ज कराई है। इसमें अंखी दास के अलावा दो अन्य लोगों की भी शिकायत की गई है। फेसबुक की पॉलिसी प्रमुख अंखी दास पर आरोप है, कि उन्होंने भाजपा नेताओं की नफ़रत भरी पोस्ट्स को बढ़ावा दिया है। उनके इस पक्षपाती रवैये का खुलासा अमरीकी अखबार वाल स्ट्रीट जनरत की एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद हुआ।

अमरीकी अखबार में इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के बाद अंखी दास पर आवेश तिवारी ने एक विस्तृत पोस्ट इस मामले पर डाली थी। जिसके बाद अंखी दास ने दिल्ली में आवेश के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद आवेश ने भी छतीसगढ़ में शिकायत दर्ज कारवाई है।

क्या थी आवेश तिवारी की फ़ेसबुक पोस्ट

इस तस्वीर में साड़ी पहने जो महिला है वह आंखी दास है, ये फेसबुक इंडिया की पॉलिसी निदेशक भी हैं, इसके पहले माइक्रोसाफ्ट को १० साल की अपनी सेवाएँ दे चुकी हैं। यह न केवल मोदी जी को प्रिय हैं बल्कि संघ के तमाम नेता भी इनसे प्रभावित रहते हैं।

इनके बारे में एक बड़ी सुप्रसिद्ध अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जनरल’ से होते हुए भारत और दुनिया के तमाम अखबारों और वेबसाइट्स पर छा गई है। न्यूली पनेल और जेफ़ हार्फिज की यह रिपोर्ट बताती है कि आंखी भारत में बीजेपी की बी टीम की तरह काम कर रही हैं।

हेट स्पीच के जिन नियमों के तहत पिछले कुछ सालों से फेसबुक सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को प्रतिबंधित कर रहा है और कट्टर हिंदूवादी विचारों की अनदेखी कर रहा है उसके लिए आंखी दास जिम्मेवार हैं-

वाल स्ट्रीट ने जेएनयू में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आंखी दास के पौलिटिकल कनेक्शन को लेकर जो बातें सामने आई हैं, वो आपके लिए जानना जरुरी है।

  1. आंखी दास ने बीजेपी विधायक टी राजा सिंह के उस बयान पर हेट स्पीच रुल लगाने से मना किया जिसमे उन्होंने तीन अन्य लोगों और ग्रूप के साथ मिलकर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा करने को कहा था, टी राजा सिंह ने पूर्व की एक पोस्ट में शरणार्थी रोहिंग्या मुस्लिमों को गोली मारने की बात कही थी।
  2. आंखी दास जो कि सरकार के साथ लाबिंग भी करती हैं, इस मुद्दे पर अपने सहकर्मियों से बोली कि राजनेताओं को दण्डित करने से मोदी सरकार के साथ संबंध खराब हो जाएंगे
  3. आंखी दास का टी राजा को बचाना बताता है कि फेसबुक भारत में किसी तरह से हिन्दू हार्ड लाइनर्स और बीजेपी के साथ खड़ा है।
  4. 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आंखी दास को उनके स्टाफ मेम्बर्स ने उन कंटेंट को हटाने को कहा था जो झूठे थे, गलत थे, कांग्रेस के ऐसे पेज हटा दिए गए थे। स्टाफ चाहता था कि बीजेपी के भी वैसे पेज हटा दिए जाएं। जेफ़ हार्फित्ज ने इसको लेकर दो ट्विट भी किये हैं।
  5. आंखी दास ने भाजपा को चुनाव के दौरान फायदा पहुंचाने का भी काम किया है।
  6. अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पांखी दास ने ऐलान किया कि वो पाकिस्तानी मिलिट्री और कांग्रेस के इनअथेंटिक पेजों को हटा रहा है लेकिन आंखी दास के हस्तक्षेप की वजह से बीजेपी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया ।
  7. आंखी दास ने 2017 में फेसबुक के थम्ब्सअप का लोगो लगाकर नरेन्द्र मोदी के समर्थन में एक लेख लिखा।
  8. फेसबुक प्रवक्ता एंडी स्टोन ने माना है कि आंखी ने राजनैतिक नफ़ा नुकसान की बात उठाई थी।

राहुल गांधी ने भी अंखी दास और भाजपा के संबंधों पर ट्वीट कर विरोध जताया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है – भाजपा-RSS भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप का नियंत्रण करती हैं। इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं। आख़िरकार, अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया है।

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