अफगानिस्तान राजनीतिक संकट के कारण अमेरिका समेत कई देशों ने अफगान की आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी है। वर्ल्ड बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी वित्तीय सहायता को रोक दिया है।
हालांकि, चीन ने तालिबानी शासन वाले अफगानिस्तान को अब भी सहायता दे रहा है। वहीं चीन उम्मीद जता रहा है कि अफगान में जल्द ही हालात सामान्य होंगे और चीन अफगान का सबंध पहले की तरह दोस्ताना बना रहेगा।
अफ़ग़ान सरकर के अमेरिकी खाते हुए सील
अफगानिस्तान के सेंटर बैंक में करीब 9 बिलियन डॉलर जमा है। जिसमें से करीब 7 बिलियन अमेरिका के फेडरल रिज़र्व ऑफ न्यूयॉर्क में है। अमेरिकी प्रशासन इस रकम को सीज कर चुका है।वहीं पूरी कोशिश में है कि तालिबान को वित्तीय मदद के साथ कोई दूसरी मदद न मिल पाए। बहरहाल, अमेरिकी सैनिक अफगान के काबुल एयरपोर्ट पर अफगान लोगों की मदद कर रहे हैं।
अन्य देशों ने भी सहायता देने से किया इनकार
अमेरिका समेत 60 देशों ने मिलकर बीते नवंबर में एक अग्रीमेंट साइन किया था। इसके तहत अगले 4 साल तक अफगानिस्तान को 12 बिलियन डॉलर की सहायता दी जानी थी। लेकिन तालिबानी हुकूमत आने के बाद अब इन देशों ने भी अफगान को दी जाने वाली सहायता से अपने हाथ खींच लिए हैं।
दूसरी ओर जर्मनी इस बात को लेकर पहले ही स्प्ष्ट है कि तालिबानियों को कोई आर्थिक मदद नहीं देगा। वहीं यूरोपीय यूनियन भी अफगान अधिकारियों द्वारा स्थिति स्प्ष्ट होने पर ही मदद की बात कह रहा है।
आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने भी लगाई रोक
एएफपी समाचार एजेंसी के हवाले से वर्ल्ड बैंक ने भी अन्य देशों की तरह तालिबान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दरअसल, वर्ल्ड बैंक ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है, इस बाक की जानकारी जानकारी एजेंसी को वर्ल्ड बैंक के प्रवक्ता ने दी।
दूसरी ओर IMF ने भी अफगानिस्तान को दी जाने वाली मदद पर फिलहाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं तालिबान को अपने संसाधनों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। आईएमएफ ने अफगानिस्तान 46 अरब डॉलर आपातकालीन पहुंचने वाली राशि को भी ब्लॉक कर दिया है। दोनों ही संस्थाओं ने अफगानिस्तान के खस्ता हालात और महिला अधिकारों की बिगड़ती स्थिति को देख कर ये फैसला लिया है।
चीन को है तालिबान पर भरोसा
दैनिक भास्कर के हवाले से, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबीन ने अफगानिस्तान की खस्ता हालत का जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया है। वांग ने कहा कि अमेरिका अफगान को यूं युद्ध की स्थिती में छोड़ कर नहीं जा सकता। अफगान की ऐसी हालत का जिम्मेदार अमेरिका है।
तालिबान पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि तालिबान सबको साथ लेकर सरकार बनाएगा। ये सरकार उदार होगी, वहीं घरेलू और विदेश नीति के साथ अंतराष्ट्रीय समुदाय और अफगानी लोगों का भी प्रतिनिध्तव करेंगी।
अफ़ग़ान को लेकर चीन की स्थिति स्प्ष्ट है वहीं हमेशा से ही चीन का रवैया अफगान को लेकर दोस्ताना रहा है। चीन अफगान के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सहायता करता रहा है। वांग ने अंत मे कहा कि जंग खत्म होने के बाद वित्तिय सहायता फिर शुरू की जा सकती है।