प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (primeminister narendra modi) ने कृषि कानूनों (farm’s law) को वापस लेने की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी ने PMO india के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के ज़रिए यह घोषणा की है। ट्वीट में लिखा है, ” आज मैं आपको, पूरे देश को यह बताने आया हूँ कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत मे शुरू होने वाले संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2021
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे: PM @narendramodi
यह एक एतिहासिक फैसला है क्योंकि इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग शुरुआत से की जा रही है। इस मांग के साथ देश भर के किसान एक साल से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन भी कर रहें हैं। आंदोलन में तपती धूप, बारिश और शीत लहर से जूझते हुए 700 से ज़्यादा किसान अपनी जान भी गवां चुके हैं। कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान, लोकतंत्र की जीत बताया जा रहा है।
कृषि कानून वापस लेने के एलान पर किसने क्या कहा :
कानून वापस लेने के एलान के बाद विपक्षी नेताओं के अलग अलग बयान सामने आने लगे हैं। राजस्थान (rajsthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM ashok gehlot) ने मीडिया से बात चीत में कहा , “यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत बहुत बधाई देता हूँ, उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने ये फैसला उत्तर प्रदेश चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया है।”
यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने यह फ़ैसला उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है: तीनों कृषि क़ानून रद्द होने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जयपुर pic.twitter.com/mO0bjJXTbd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 19, 2021
वहीं सोहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता ओम प्रकाश राजभर (om prakash rajbhar) ने अपनी एक रैली की वीडियो ट्विटर पर सांझा करते हुए लिखा, ” देश की जनता भाजपा सरकार को बदलना चाहती है। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी से देश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है। अगर संसद में जबरदस्ती करोगे तो सड़क ठिकाने लगा देगी। मीडिया से बात करते हुए कहा, पीएम मोदी के गलत निर्णय की वजह से किसान शहीद हो गए, क्या पीएम किसानों की उस शहादत को वापस करेंगे।”
संसद के सत्र में MSP को लेकर बने ठोस कानून :
इस बीच RJD नेता लालू प्रसाद यादव (lalu parsad yadav) ने ट्वीट करते हुए कहा, “विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्यग्रह के सफल होने पर बधाई। पूंजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिया, मुठ्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।”
विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 19, 2021
पूँजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी,खालिस्तानी,आढ़तिए,मुट्ठीभर लोग,देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।
दूसरी और BSP सुप्रीमो मायावती (BSP supremo mayawati) ने कहा, किसान आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में किसान शहीद हुए हैं, ये फैसला केंद्र सरकार को बहुत पहले ले लेना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा, संसद के शीतकालीन सत्र में किसानों के लिए MSP को लेकर ठोस कानून बनाया जाए। किसानों की अन्य मांग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
“SP नेता अखिलेश यादव (akhilesh yadav) ने कृषि कानून वापस लेने पर कहा, “अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण और काले कानूनों से गरीब किसान को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खिंचे कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन पूर्वांचल की विजय यात्रा के समर्थन से डर कर कानून वापस ले लिए। भाजपा बताए कि सैंकड़ो किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी”
संसद में रद्द होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा :
भारीतय किसान यूनियन (BKU ) के नेता राकेश टिकैत (rakesh ticket) ने पीएम मोदी (PM modi) की घोषणा के बाद अपना रुख साफ किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। MSP पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन जारी रहेगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, सरकार MSP सहित किसानों के अन्य मुद्दे पर भी बातचीत करे।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
वहीं दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के बीच खुशी की लहर है। कृषि कानूनों पर सरकार के अहंकार को आंदोलन ने तोड़ा है। उनकी मेहनत रंग लाई है। आंदोलन सफल होने पर किसानों के बीच मिठाईयां बांटी जा रही है।