राजधानी दिल्ली (delhi) में प्रदूषण (pollution) खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। जिसे लेकर शनिवार 13 नवबंर को सुप्रीम कोर्ट (SC) में सुनवाई की गई थी। सुनवाई तीन जजों की बैंच ने की थी जिसमे CJI N.V. रमना, D. Y. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत भी शामिल थे। तीन जजों की इस पीठ ने दिल्ली सरकार से प्रश्न किये की दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को खत्म करने के लिए क्या किया गया, साथ ही सरकार को 2 दिन के लॉक डाउन का सुझाव दिया। इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे।
बता दें कि दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा ज़हरीली हो गयी थी। लेकिन अब आस पास के राज्यों में पराली जलाने के बाद और दिवाली पर ताबड़तोड़ पटके फोड़ने के बाद हाल ये है कि दिल्ली में विज़िबिलिटी न के समान हो चुकी है। 15 अक्टूबर से 9 नवबंर तक के एयर क्वेलिटी इंडेक्स में लगातार इज़ाफ़ा देखा गया है। दिल्ली में AQI 400 से नीचे नहीं आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिल्ली प्रदूषण, कोरोना और डेंगू की तिहरी मार झेल रही है :
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नाबालिक की प्रदूषण को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई हो रही थी। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर आप पराली को प्रदूषण का जिम्मेदार मानते है तो आपको पता होना चाहिए कि पराली सिर्फ 25 फीसदी प्रदूषण का कारण है। 75 फीसदी प्रदूषण का कारण पटाखे, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है।
2 दिन के आपात लॉक डाउन का सुझाव देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सरकार दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए कौंन से कदम उठा रही है। सड़के साफ करने के लिए सरकार के पास कितनी मशीनें हैं ? SC ने आगे कहा कि स्थिति बहुत खराब है, हम घरों में मास्क पहनने को मजबूर हैं। दिल्ली इस वक्त प्रदूषण, कोरोना और डेंगू की तिहरी मार झेल रही है।
लॉक डाउन का असर सीमित होगा : दिल्ली सरकार
शनिवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सोमवार तक का समय दिया था, और कहा था कि लॉक डाउन लगाने पर विचार करके बताए। हालांकि, सोमवार 15 नवम्बर को हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर करते हुए कहा की वो लॉक डाउन के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे कोई खास फायदा नहीं होगा। जब तब एनसीआर और आस पास के राज्यो में भी लॉक डाउन न लगाया जाए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, “दिल्ली सरकार ने स्थानीय स्तर पर उत्सर्जन को काबू करने के लिए प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है, लेकिन ये कदम तबी कारगर होगा जब एनसीआर समेत अन्य पड़ोसी राज्य भी ये कदम उठाए। मालूम हो कि सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पराली को प्रदूषण में केवल 10 फीसदी जिम्मेदार माना और सरकार से वाहनों और पावर प्लांट को अस्थाई तौर पर बंद किये जाने की बात कही।
दिल्ली में लगा लॉक डाउन :
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉक डाउन का मसौदा तैयार करते हुए दिल्ली में 3 दिनों तक सार्वजनिक कार्यो पर प्रतिबंध लगा दिया है। 14 नवम्बर से 17 नवबंर तक दिल्ली के सभी स्कूल बंद रहेंगे। साथ ही 100 प्रतिशत क्षमता के साथ सरकारी कर्मचारियों को वॉर्क फ्रॉम होम करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के मसौदे के अनुसार पूरी राजधानी में किसी भी कंस्ट्रक्शन पर 3 दिनों की रोक लगा दी गई है।
#Delhigovernmet
— Delhi Pollution Control Committee (@DPCC_pollution) November 14, 2021
🔸All schools will be closed for the upcoming week.
🔸Construction activities banned between 14-17 November.
🔸All government offices will shift to work from home mode for a week.@jayachandran_ks @MIB_India@BOC_MIB @CPCB_OFFICIALhttps://t.co/y1bimdpz5z
हालांकि, एफिडेविट में दिल्ली सरकार ने कहा था कि हम लॉक डाउन पर विचार करने के लिए तैयार है, अगर केंद्र सरकार या एयर क्वेलिटी मैनेजमेंट दिल्ली एनसीआर और पड़ोसी राज्यो में भी लॉक डाउन लागू करें। बहरहाल, अगली सुनवाई 17 नवबंर को होनी है तक तब दिल्ली में स्कूल, कंस्ट्रक्शन और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। दूसरी और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से वॉर्क फ्रॉम होम पर दुबारा विचार करने को कहा है।
दिल्ली और एनसीआर की हवा कितनी जहरीली :
इंडिया नेशनल एयर क्वेलिटी इंडेक्स के मुताबिक अगर AQI 0-50 है तो ये बेहत है, वहीं अगर AQI 50 से आगे बढ़ता है तो हवा दूषित होने लगती है। वहीं AQI 400 से 450 पहुंच गया तो ये स्थिति बेहद खतरनाक होती है। बहरहाल, सोमवार को दिल्ली का AQI 351 था। वहीं मंगलवार को दिल्ली के अलग अलग इलाको जिनमें सोनिया विहार में 417, दिलशाद गार्डन में 389 और लोनी गाज़ियाबाद में 400 AQI हो गया है।