राजस्थान के चुरू जिला के सिद्धमुख नहर वितरिका से जुड़ी सिंचाई की समस्याओं की मांग को लेकर पिछलें काफी दिनों से सिद्धमुख में उप तहसील कार्यालय के आगे सिद्धमुख नहर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा है, ये धरना पिछले 30 दिनों से चल रहा है पर सरकार आँख बंद कर बैठी है.
मंगलवार को किसानों ने धरना स्थल पर महासभा कर सरकार व सिंचाई विभाग पर सिद्धमुख वितरिका एरिया के किसानों की मांगों को अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार व जल संसाधन विभाग की अनदेखी के चलते किसान आन्दोलन करने को मजबूर हुए हैं.
उनका आरोप कि, पिछले 30 दिनों से यहाँ पर धरना चल रहा पर सरकार व जल संसाधन विभाग के किसी भी नुमाईनदे को किसानों से बातचीत कर समस्याओं का समाधान का प्रयास ही नहीं किया और ना ही उनकी समस्या को हल करने में कोई रुची है.
आज किसानों ने धरना स्थल पर महासभा का आयोजन किया जिसमें जन सैलाब भी उमड़ा आसपास के काफी संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुँच कर एक जुटता का परिचय दिया.
महासभा को संघर्ष समिति के पदाधिकारियों सहित कांग्रेस नेता और खेल जगत की जानी मानी हस्ती कृष्णा पूनियां, पूर्व सरपंच करतार सिह टांडी, हरिराम कस्वां, खेमचंद भाम्भू कामरेड भगत सिह , कामरेड जगत सिह, रामनिवास खीचड़ महामंत्री राजस्थान किसान यूनियन, इन्द्राज मांझू, श्रवण टांडी, रतन गोदारा, विनोद पूनियां, दयाराम जांगिड़, अशोक जांगिड़ आदि नेताओं ने महासभा को संबोधित किया और अपनी 9 सूत्री मांगों का ज्ञापन उप तहसीलदार को सौंपा.
किसानों की मुख्य मांगे
सिद्धमुख वितरिका एरिया में खालों(नालों) का निर्माण, चकबंदी, वितरिका की सफाई व मरम्मत कराने, वितरिका में उसका आवंटित पूरा 111 क्यूसेक पानी देकर आखिरी किनारे तक पहुँचाने, पानी चोरी रोकने के समुचित प्रयास करने एवं पर्याप्त पुलिस जाब्ता लगाने, वितरिका के रेगुलेशन के समय सिद्धमुख एरिया के जनप्रतिनिधि, एस. डी. एम. व संघर्ष समिति सदस्यों को आमंत्रित करने, भिरानी एवं डाबड़ी एरिया में नहर में लगाए जानें वाले अवैध पाईपों को हटाए जानें की मुख्य मांगे हैं.