9 नवंबर 2019 को बहुप्रतीक्षित आयोध्या ज़मीन विवाद का फैसला माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुना दिया गया। इस फ़ैसले के मद्देनजर पूरे देश में शांति की अपील करते हुए मैसेज सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया में गूँजते रहे। प्रशासनिक स्तर पर भी अलग-अलग क्षेत्रों में मीटिंग्स आयोजित की जाती रही हैं। जिनमें विभिन्न समुदायों के सम्मानित नागरिकों कि मौजूदगी में शांति की अपील की गई थी।
ऐसी ही एक मीटिंग दिल्ली में 7/11/2019 दोपहर को निगम पार्षद हाजी ताहिर हुसैन के कार्यालय में आयोजित की गईथी। हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को लेकर आयोजित इस “शांति बैठक” में मुस्तफाबाद विधानसभा के हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के ज़िम्मेदार लोग शामिल हुए और सभी ने अपने अपने विचार रखें जिसमे इलाके में न्यायालय के फैसले को लेकर अमन और शांति बनाये रखने की अपील की गई।
इस मीटिंग मे हाजी ताहिर हुसैन ने कहा था कि “न्यायालय का फैसला जो भी हो हम समाज और इलाके में अमन चाहते” है, सुशील गुप्ता ने कहा था कि “फैसला जो भी आए हम सब को माननीय न्यायालय का फैसला मानना चाहिए “क्योंकि हम सब भारतवासी हैं और जीत भारत की ही होनी है। नेहरू विहार मंदिर के पुजारी जी ने कहा था कि “शांति की बात करना ही समाज के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है,और हम सभी को ज़िम्मेदारी भी यह है”। दयालपुर थाने के अफसर भी मौजूद रहे जिन्होंने कहाँ “इलाके में और सोशल मीडिया में किसी भी तरह की अफवाह कोई भी न फैलाएं,और शांति बनाए रखें”
वही जमीयत के उत्तर पूर्वी लोकसभा के ज़िम्मेदार हाजी सलीम रहमानी ने कहा कि “जमीयत हमेशा से मुल्क में सभी समुदायों के बीच अमन और शांति का पैग़ाम देती आयी है और अब भी जमीयत अमन की अपील सभी से कर रही है”
इस मीटिंग में अलग अलग समुदायों के लोग पुलिस अफसर ,आरडब्ल्यूए,एनजीओ और समाज सेवक अलग अलग लोग शामिल हुए,और हाजी ताहिर हुसैन द्वारा इस पहल का शुक्रिया भी अदा किया गया।
गौरतलब है की पिछली 9 नवंबर को बाबरी मस्जिद/राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुना दिया है, उसी को ध्यान में रखते हुए इलाके में किसी भी तरह का कोई भी तनाव न हों न अशांति न हो इसकी जिम्मेदारी लोगों तक पहुंचाने की बात फ़ैसले के पहले ही कर ली गयी थीं ।
इस मीटिंग के मेज़बान हाजी ताहिर हुसैन(निगम पार्षद) के अलावा मीटिंग में इलाके के ज़िम्मेदार हाजी सलीम रहमानी(जमीयत लोकसभा अध्यक्ष), हाजी ताज मो(पूर्व निगम पार्षद), मुफ्ती खलील , डॉ असलम, अतुल पंडित, हाफिज अब्दुल वाहिद, उधम सिंह, अंकित शर्मा, हाजी इशहाक मलिक,कारी अहरार ,शिवकुमार राघव, अनिल चौहान, अलीमुद्दीन अंसारी व अन्य ज़िम्मेदार लोग शामिल हुए.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फ़ैसले में विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई है, वहीं मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ ज़मीन देने का आदेश दिया गया है। कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद सभी वर्ग के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए शांति बनाई हुई है। जोकि एक बेहतरीन मिसाल है।